साग़र मलिक
देहरादून: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हकीमों को संरक्षण देने के मामले में अब शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत भी गन्ना मंत्री यतीश्वरानंद की राह पर चले। यूं भी कह सकते हैं कि भगत एक कदम आगे निकल गए हैं यतीश्वरानंद से। गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में विगत 20 जुलाई को रुड़की से सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट को शहरी विकास निदेशालय से अटैच करके निलंबित किया था।
उन्हें आनन फानन में बहाल कर उसी निगम में उसी पद पर तैनाती दे दी गयी जहां से गंभीर आरोपों के चलते हटाया गया था। भट्ट की एक जांच निदेशालय स्तर से हो रही है और एक जिलाधिकारी हरिद्वार कर रहे हैं। लेकिन उनकी ताजपोशी उसी जगह करने के निर्णय ने भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार मिटाने के दावों की कलई खोल कर रख दी।
राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार जैसे-जैसे चुनाव की तरफ बढ़ रही है वैसे-वैसे सरकार के सिपहसालार मुश्किलें खड़ी करते जा रहे हैं। पिछले सप्ताह गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने पहले विभाग के अफसर आरके सेठ को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया और फिर जांच पूरी हुए बगैर उन्हें प्रमोट करके सितारगंज चीनी मिल का महाप्रबंधक बना दिया गया। इससे सरकार की खूब किरकिरी हुई लेकिन फैसला वापस नहीं हुआ. अब शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने इससे भी बढ़कर कारनामा किया। रुड़की नगर निगम में सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में हटा कर निदेशालय से अटैच कर दिया गया। लेकिन महीने भर तक ज्वाइन नहीं करने और कोई सूचना भी नहीं देने के चलते भट्ट को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन विगत दिवस अचानक भट्ट की फाइल दौड़ी और उन्हें बहाल करके उसी निगम में उसी पद पर पोस्टिंग दे दी जहां उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिनकी जांच अभी विचाराधीन है।
ये है पूरा मामला
– सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट
– 20 जुलाई को रुड़की से शहरी विकास निदेशालय में सम्बद्ध किया गया मंत्री के आदेश पर
– एक महीना चार दिन तक ज्वाइनिंग नहीं दी
– 24 अगस्त को मंत्री के आदेश पर सस्पेंड कर दिया गया
– जांच अधिकारी संयुक्त निदेशक को बनाया गया
– 3 सितम्बर को अचानक बहाल कर दिया गया
– निदेशक ने बगैर शासन की अनुमति के बहाल किया
– 28 सितम्बर को रुड़की में सहायक नगर आयुक्त बना दिया गया जहां भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे
खास बात …
– सस्पेंड होने की जांच संयुक्त निदेशक, शहरी निदेशालय कर रहे हैं
– डीएम हरिद्वार भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे हैं
– दोनों जांच लंबित है।