भारत जैसी अनोखी संस्कृति किसी देश की नही : नागेंद्र शर्मा

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

छोटी बच्चियों ने मंच से दर्शाई हरियाणा की शादी ब्याह की रस्में।
अपनी माँ बोली से जुडना है जरूरी : संतोष।
राजकीय स्कूल कमोदा में हरियाणवी लोकसंगीत कार्यशाला का हुआ समापन।

कुरुक्षेत्र, 30 सितंबर – हरियाणा कला परिषद अंबाला मंडल के अतिरिक्त निदेशक नागेंद्र शर्मा ने कहा है कि भारत जैसी अनोखी संस्कृति किसी देश की नही है। जिस देश के लोग संस्कृति को नही भूलते उस देश का कोई कुछ नही बिगाड सकता और जिन देशों के लोग अपनी संस्कृति को भूल गये उन देशों के आज नाम भी मिट गये हैं। इसलिए अपनी संस्कृति से जुडे रहना बहुत जरूरी है। वे गुरुवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कमोदा में हरियाणा कला परिषद अंबाला मंडल द्वारा आयोजित 15 दिवसीय हरियाणवी लोकसंगीत कार्यशाला के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा ने की। कार्यक्रम में पहुंचने पर प्रिंसीपल यशोदा कुमारी व शिक्षिका सुमन चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। समापन कार्यक्रम में बच्चों ने हरियाणवी प्रस्तुतियां दी। जिसमें नन्नी बच्चियों ने लाडो पूछै दादा नैै ओ दादा…, मत ना फोडै मेरी मटकी घणी, जान तै प्यारी सै… सहित कई लोकगीत गाए वहीं बच्चियों ने मंच से हरियाणा में होने वाले शादी ब्याह की खेडा पूजन सहित सभी रस्मों को गीतों के माध्यम से दर्शाया। कार्यशाला की शिक्षिका मीनू रानी ने शहीद भगत सिंह से जुड़ी रागनी गाई तो सभी की आंखे नम हो गईं। मंच का संचालन कर रहीं शिक्षिका सुमन चौधरी ने धोती से संबंधित हास्य कविता के माध्यम से सभी को लोटपोट कर दिया।
नागेंद्र शर्मा ने कहा कि हरियाणा एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां व्यक्ति के जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक के गीत हैं। विभिन्न अवसरों पर गीत गाए जाते हैं वहीं विभिन्न विशेष दिनों के भी अलग अलग गीत गाए जाते हैं। आज आधुनिकता की दौड में बच्चों का ध्यान मोबाईल की तरफ ज्यादा हो गया है और अपनी संस्कृति को भूलने लगे हैं। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे बडों के पास बैठें व संस्कृति के बारे में जानें। उन्होने सभी बच्चों को अपनी संस्कृति के सरंक्षण व संवर्धन के लिए कार्य करने का आग्रह किया। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से आगे बढने की प्रेरणा मिलती है। हम हरियाणा के हैं और हमें हरियाणवी से जुडना बहुत जरुरी है। हमें कभी अपनी मां बोली को नही भूलना चाहिए। उन्होने कहा कि बच्चों को आगे बढने के लिये प्रयासरत रहना चाहिये। बच्चे जिस क्षेत्र मे भी जायें मन लगाकर कार्य करें। यदि मेहनत करेंगें तो उसका फल भी अवश्य ही मिलेगा व जिंदगी में सफल व्यक्ति बनेंगें। शिक्षक व रंगमंचकर्मी शिवकुमार किरमच ने मंच से जैसे ही चुटकुलों की बरसात शुरु की तो दर्शक दीर्घा में बैठे अभिभावक व बच्चे अपनी हँसी को नही रोक पाए। शिक्षिका सुनीता ने हरियाणवी में मंच संचालन में सहयोग किया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किया गया व कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र भेंट किए गए। इस अवसर पर प्रिंसीपल यशोदा कुमारी, कार्यशाला की प्रशिक्षिका मीनू रानी, सहायक सीमा व संगीतकार सुरेश, शिक्षिका सुमन चौधरी, सुनिता, नरेंद्र कौर, अंजूल, शिवानी, विजय कुमार, रविंद्र, सोनल पूजा व सीमा सहित अन्य शिक्षक अभिभावक व विद्यार्थी मौजूद रहे।

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