मध्य प्रदेश// रीवा //सीआईडी डीएसपी घमंड के नशे में चूर होकर एक अखबार के संपादक की खड़ी मोटरसाइकिल को बनाया जानबूझकर निशाना
ब्यूरो चीफ// राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश..8889284934
*डीएसपी होने का घमंड इतना ज्यादा हो गया है कि किसी के ऊपर भी अपनी गाड़ी चढ़ा सकते हैं
*रीवा जिले सीआईडी dsp अशलम खान की गुंडागर्दी चरम सीमा पर जान बूझकर पत्रकार की मोटर साइकिल को मारी तक्कर
रीवा/ जिले मे सिविल लाइन स्थित अपराध अनुसंधान विभाग सीआईडी रीवा जोन कार्यलय के dsp अशलम खान ने कार्यालय के सामने खड़ी पत्रकार की मोटरसाइकिल को जानबूझकर अपनी गाड़ी बोलेरो से ठोकर मार कर गिरा दिए घटना आज दिनांक 29/1/2021 को दोपहर लगभग 2 बजे के आस पास की है जब वाहन क्रमांक mp17Cb3381 से हरित प्रवाह अखबार के सम्पादक की मोटरसाइकिल में जोड़दार टक्कर मार कर क्षतिग्रस्त कर दिए है। इस कृत्य के पीछे dsp अशलम खान की क्या मानशिकता इसका तो अभी पता नही लग सका है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बोलेरो गाड़ी चला रहे dsp अशलम खान जो cid कार्यलय के सामने खड़ी मोटरसाइकिल को तकर मारने से पहले रुके और बैक गेयर में पीछे किये और काफी स्पीड से पत्रकार की मोटरसाइकिल को ठोक दिया जिससे मोटरसाइकिल गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई वहीं महिला थाने में पत्रकार ने जब देखा कि उनकी मोटरसाइकिल गिर गई तो दौड़कर आए और जानबूझकर मोटरसाइकिल ठोकने की बात डीएसपी से कहे तो डीएसपी अशलम खान आंख दिखाते हुए अपने कार्यालय में घुस गए जिसके बाद पत्रकार ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रीवा शिवकुमार वर्मा को सीआईडी डीएसपी अशलम खान की इस हरकत की शिकायत किए तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम बात करते हैं लेकिन वर्दी और पद के गुरुर में डीएसपी ने ना तो पत्रकार से यह कहा कि गलती हो गई और ना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तरफ से कोई बात की गई जबकि मोटरसाइकिल में जानबूझकर ठोकर मारने की घटना वहां मौजूद सीसी सीसीटीवी कैमरे में कैद होगई जिससे सारी घटना की सच्चाई सामने आ जाएगी बहरहाल जानबूझकर की गई इस गुस्ताखी से केवल मोटरसाइकिल छटी ग्रस्त हुई है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यदि इतने बड़े पद पर बैठे अधिकारी इस तरह से उदंड और घमंड से भरे रहेंगे तो फिर यह कैसे आम जनता को न्याय देंगे और जनसेवा जैसे अपने दायित्व का निर्वहन कैसे करते होंगे बहर हाल जब तक यह थाना प्रभारी थे तब तक इनके कारनामों के चर्चा सुर्खियों में रहते थे और अब भी कहीं ना कहीं वही रौब रुतबा वरिष्ठ अधिकारी बनने के बाद बना हुआ है ऐसे अधिकारी कहीं ना कहीं पुलिस की स्वच्छ छवि को धूमिल करने के लिए पर्याप्त होती है। ऐसे लापरवाह पुलिस अधिकारी के ऊपर तत्काल ही जिले के पुलिस कप्तान को एक्शन लेना चाहिए।