हरियाणा संपादक , वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित।
कुरुक्षेत्र 2 अक्टूबर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर विश्वविद्यालय के श्रीमदभगवद गीता सदन के प्रांगण में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने श्रद्वासुमन अर्पित कर श्रद्वाजंलि दी। इस मौके पर उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी नमन करते हुए कहा कि आज हमें ऐसे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शो पर चलने की जरूरत है।
इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि 2 अक्टूबर का दिन हर भारतवासी के लिए विशेष महत्व रखता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जन-जन को जोड़ने का काम किया और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए देश को अंग्रेजो से मुक्त करवाते हुए दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी त्याग, तपस्या व बलिदान के अद्भुत एवं महान व्यक्तित्व थे। अब हम सभी की यह जिम्मेवारी है कि हम उनके मानवीय मूल्यों को जीवन में अपनाते हुए उनके सपनों के भारत को बनाने के लिए एकजुट होकर काम करें। उन्होंने अपने जीवन में उच्च मानवीय गुणों को अपनाया और पूरे राष्ट्र का रोल मॉडल बनकर उनकी अगुवाई की। हमारे देश की आने वाली पीढिय़ां हमेशा उनके व्यक्तित्व से प्रेरित होकर विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए काम करती रहेंगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी युगों-युगों तक हमारे रोल मॉडल रहेंगे। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो मंत्र दिए थे वो आज भी प्रासंगिक हैं। पूरा देश आज इन महापुरुषों का ऋणी है।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी, प्रो. अनिल वशिष्ठ, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. डीएस राणा, प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. नीरा वर्मा, प्रो. निर्मला चौधरी, डॉ. सीआर जिलोवा, प्रो. अमित लूदरी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह, कुटा प्रधान डॉ. परमेश कुमार, डॉ. अनिल गुप्ता, डॉ. महासिंह पूनिया, डॉ. हरदीप जोशी, लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. सुशीला चौहान, डॉ. सुनीता दलाल, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. पवन कुमार, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. रामचन्द्र, डॉ. सुरेश दुआ, डॉ. अजय जांगडा, डॉ. हरविन्द्र राणा सहित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।