गांधी का चिंतन – सोच और जीवन पद्धति ही हमारा मार्गदर्शक हैं ,,,,,,हिफजुर्रहमान
अररिया से मो माजिद
स्थानीय नेशनल पब्लिक स्कूल सिसैना अररिया में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर बापू के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि कर पुष्प माला पहना कर बड़े ही धूमधाम व सादगी से गांधी जयंती को अहिंसा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चो ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला और उनके बताए रास्ते पर चलने का शपथ लिया । इससे पूर्व विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर हिफजुर्रहमान ने गांधीजी के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि कर नमन किया। इस मौके से नेशनल पब्लिक स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री रहमान ने कहा कि बापू के शरीर हमारे बीच नही है लेकिन जब तक ये ब्रह्मांड रहेगा, गांधी का विचार रहेगा। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि बुरा ना देखो, बुरा ना सुनो, बुरा ना कहो , के शलोक पर अमल करें और कहा कि गांधी जी ने, ना केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी बल्कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भी नस्लीय भेदभाव को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी दिलवाने वाले और राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित महात्मा गांधी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। सत्य और अहिंसा के पुजारी गांधी जी ने भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी । उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का पाठ पढ़ाया था। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 को हुआ था। इसलिए हर साल दो अक्टूबर को दुनिया भर में गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है। श्री रहमान ने अंत में कहा के गांधी जी का चिंतन, सोच और जीवन पद्धति ही हमारा और पूरे देशवासियों का मार्गदर्शक है। इस मौके पर शिक्षकों के अलावे बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।