फिरोजपुर 03 अक्टूबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:-
दूसरी नाइट में प्रभु श्री राम जी ने ताड़का, सुबाहु और मारिच का वध किया और गुरु विश्वामित्र जी ने श्री रामचंद्र को दिव्या शास्त्र प्रधान किए उन्होंने श्री रामचंद्र जी को बताया कि उनके पूर्वज सगर राजा हुए राजा दलीप के पुत्र भागीरथी ने तपस्या कर मां गंगा को ब्रह्मा जी से वरदान में धरती पर उतारा उन्होंने भगवान शंकर की तपस्या कर सबसे पहले मां गंगा को उनकी जटाओं में उतारा उसके उपरांत धरती पर उनका स्वागत किया गया ऐसा कर भागीरथ ने राजा सगर के 60000 पुत्रों का उद्धार हुआ
गौतम ऋषि के श्राप से जो एहल्ला को श्राप मिला था उससे भगवान श्री रामचंद्र जी ने मुक्ति दिलाई “अहिल्या तेरे भाग न्यारे हैं तेरे घर राम पधारे हैं” मिथिला के राजा जनक महारानी सुनैना की ओर से श्री विश्वामित्र को माता सीता के स्वयंवर के लिए न्योता भेजा गया न्योते को स्वीकार करते हुए श्री रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी दोनों सीता स्वयंवर में पधारे यहां भगवान शंकर का धनुष बाण पर श्री रामचंद्र जी ने प्रतिचंडा चढ़ाकर मां सीता से वरमाला पहनाई साथ में उर्मिला जनकपुरी लक्ष्मण की पत्नी, मांडवी जनक के भाई कुशाध्वज की पुत्री भारत की पत्नी, सुतकृति जनक के भाई कुशाध्वज की पुत्री शत्रुघ्न की पत्नी के तौर पर विवाह निश्चित कर दिया गया राजा दशरथ अयोध्या से बरात लेकर राजा जनक के मिथिला महल में पधारे और उनकी शादी करा दी अब अयोध्या पधारने पर बनवास के नाइट दिखाई जाएगी
इस मौके पर सियाराम ड्रामाटिक क्लब के चेयरमैन कैलाश शर्मा, प्रधान विजय मोंगा, सीनियर वाइस प्रधान विनोद शर्मा दशहरा कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र कक्कड़ उनके साथ विशाल शर्मा कोषाध्यक्ष सुरेंद्र वाधवा बॉबी खुराना गुरमीत सिंह काका अटवाल चेतन शर्मा जसवंत कुमार पेठा तथा बड़ी संख्या में भगवान श्री रामचंद्र जी की लीला देखने आए प्रभु प्रेमी उपस्थित थे पुलिस प्रशासन की ओर से भी सहयोग प्राप्त हुआ