बिहार:ISRO में पूर्णिया का आशुतोष:1 हजार प्रतिभागियों में 22वीं रैंक हासिल की, वैज्ञानिक के तौर पर हुआ चयन; मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech हैं

ISRO में पूर्णिया का आशुतोष:1 हजार प्रतिभागियों में 22वीं रैंक हासिल की, वैज्ञानिक के तौर पर हुआ चयन; मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech हैं

पूर्णिया सवांदाता

पूर्णिया के बेटे आशुतोष कुमार ने पूरे देश में बिहार और पूर्णिया का नाम रोशन किया है। आशुतोष का ISRO में वैज्ञानिक के तौर पर चयनित किया गया है। ISRO में मैकेनिकल साइंटिस्ट पद के लिए 2019 में विज्ञापन निकाला गया था। देश के करीब 70 हजार प्रतिभागियों ने 2020 में एग्जाम दिया था। इनमें से 1 हजार प्रतिभागियों का सिलेक्शन किया गया जिनमें आशुतोष शामिल हैं। आशुतोष ने बताया कि 30 सितंबर 2021 को रिजल्ट जारी हुआ है जिसमें उन्हें 22वां रैंक मिला है। आशुतोष ने बताया कि जॉइनिंग नवंबर तक होगी और उसके बाद विभाग काम का निर्धारण करेगी।
आशुतोष ने पूर्णिया से की स्कूली शिक्षा
पिता ‌विनय मोहन झा ने बताया कि आशुतोष ने मैट्रिक तक की शिक्षा पूर्णिया के थाना चौक स्थित सरस्वती विधा मंदिर से हासिल की है। उसके बाद +2 की शिक्षा पूर्णिया के जिला स्कूल से हासिल किया। पढ़ने और आगे बढ़ने का शौक होने से वह ओडिशा के KIIT यूनिवर्सिटी में B.Tech में एडमिशन कराया। कालेज के पढाई का खर्च निकालने के लिए उसने छात्रों को ट्यूशन भी पढ़ाने लगा। दिन रात मेहनत के बाद आशुतोष ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में फर्स्ट क्लास से पास कर लिया। इसके बाद ISRO का एग्जाम दिया।
पूरे परिवार को दिया सफलता का श्रेय
आशुतोष ने बताया कि पिता के अलावा मां मनी देवी, बहन राखी कुमारी और मामा शंभूनाथ झा ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया। परिवार के लोगों का सपोर्ट नहीं मिलता तो शायद मेरे लिए ये कर पाना संभव नहीं होता।
मध्यम वर्गीय है परिवार
आशुतोष पूर्णिया जिले के के नगर प्रखंड अंतर्गत बनभभाग, चुनापुर गांव के रहने वाले हैं। आशुतोष मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। आशुतोष के दादा एक साधारण किसान थे। पिता विनय मोहन झा सिविल कोर्ट पूर्णिया में वकील हैं। आशुतोष की छोटी बहन राखी कुमारी ने BPSC का फाइनल एग्जाम दिया है। आशुतोष के गांव में शिक्षा के नाम पर सिर्फ एक मिडिल स्कूल है। गांव के स्कूल में पढाई कर आगे बढ़ना आशुतोष के लिए काफी मुश्किल था। पिता वकील हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट बंद हो गया और घर चलाना मुश्किल हो गया। इस कठिन घड़ी में आशुतोष ने पढाई के साथ-साथ ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। इससे मिलने वाले पैसे से परिवार की मदद भी करने लगे।
आशुतोष को क्रिकेट का है शौक
पिता ने बताया कि आशुतोष बचपन से ही पढाई में अव्वल था। उसके दोस्त भी काफी कम है। पढ़ाई के दौरान वो फिल्म, टीवी और मोबाइल से दूर रहता था। खेलकूद के मामले में आशुतोष को क्रिकेट खेलना पसंद है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद वह थोड़ी देर के लिए क्रिकेट खेल लेता था। स्वभाव से वह काफी शांत और नम्र है।

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