फिरोजपुर 4 अक्टूबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:-
प्रभु श्री राम चंद्र जी चारों भाई अपनी पत्नियों समेत जब अयोध्या जी वापस पहुंचे तो राजा दशरथ ने कुलगुरू वशिष्ठ जी से आगरा किया कि अब मैं अपना राज्य भाग अपने चेस्ट पुत्र राम को सौंपना चाहता हूं और खुद तपस्या के लिए वन
में जाना चाहता हूं उनकी और मंत्रियों की इच्छा से स्वीकृति मिलने पर अयोध्या में ढिंढोरा दे दिया गया के सुबह श्री राम का राज्य तिलक अभिषेक होगा पूरी अयोध्या में खुशी का माहौल बन गया दीपमाला की और नाच गान हुआ
लेकिन मंथरा दासी को यह बात गंवारा नहीं हुई उसने कैकई के कान भर के अपने दो वर मांगने की प्रेरणा दी जब देवराज इंद्र और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था तो उस समय राजा दशरथ ने उनका साथ दिया था इस युद्ध में राजा दशरथ घायल हो गए थे इस दौरान रानी कैकई ने उनके प्राण बचाए थे तब राजा दशरथ ने रानी केकई की वीरता से प्रसन्न होकर उनसे दो वर मांगने के लिए कहा था रानी कैकई मंथरा के बहकावे में आ गई और उसने वह दो वर मांग लिए केकई ने कहा कि मेरे पुत्र भरत को रामचंद्र की जगह राज तिलक अभिषेक किया जाए और रामचंद्र को 14 साल के लिए बनवास पर भेज दिया जाए विवश होकर राजा दशरथ को रघुकुल की कीर्ति को स्थापित रखने के लिए रानी कैकई को दोनों वर देने पड़े और श्री राम को 14 साल का बनवास व भरत को राज तिलक देना पड़ा जिसको श्री राम ने मुस्कुराते हुए स्वीकार कर लिया और माता कौशल्या से वन जाने की आज्ञा लेने चले गए आज वन की तैयारी में प्रभु की लीला आगे दिखाई जाएगी
इस मौके पर क्लब के लगभग सभी सदस्य उपस्थित थे श्री विजय मोंगा ने बताया कि पुलिस प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है उन्होंने आग्रह किया कि फिरोजपुर वासियों को प्रभु श्री राम की लीला देखने के लिए और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए 7.30 साय पहुंच जाना चाहिए और प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रण लेना चाहिए