नवरात्र के पहले दिन गोदना ठाकुरबाड़ी में खोल दिए जाते हैं पट
फारबिसगंज (अररिया) संवाददाता
फारबिसगंज शहर में लगभग डेढ दर्जन दुर्गा पूजा समितियों द्वारा विभिन्न स्थलों पर भव्य पंडाल बनाकर माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। शहर के गोदना ठाकुरबाड़ी, बड़ा शिवालय, गोढियारे चौक पूजा समिति, बाजार समिति, चौहान टोला, सुल्तान पोखर पूजा समिति, पुस्तकालय परिसर, स्टेशन परिसर, काली मेला रोड, अस्पताल रोड (रेलवे गुमटी), पुराना इंडियन ऑयल डिपो, काली मंदिर परिसर, हाई स्कूल रोड पूजा समिति, छूआपट्टी पूजा समिति,बंगाली टोला, भट्टाबाड़ी पूजा समिति आदि स्थानो पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूजा समितियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित कर बड़े ही धूम-धाम से पूजा-अर्चना की जाती है। गुरुवार को शारदीय नवरात्र आरंभ होने के साथ ही फारबिसगंज शहर के अति प्राचीन गोदना ठाकुरबाड़ी में पहले ही दिन से भक्तों के दर्शन के लिए माँ दुर्गा के कपाट खोल दिए जाते हैं।
यह शहर का एक मात्र ऐसा दुर्गा पूजा का स्थल है जहां कई सालों से प्रथम पूजा के दिन से ही माता का कपाट खोल दिए जाते है। जबकि शहर के तकरीबन डेढ़ दर्जन पूजा स्थलों पर षष्ठी के दिन से भक्तों के दर्शन के लिए कपाट खोले जाते हैं। गुरुवार को अहले सुबह से गोदना ठाकुरबाड़ी में माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री माता की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान से मंदिर के पंडित व संचालक सुरेश मिश्र उर्फ भूलन बाबा के द्वारा की गयी। वहीं भक्तों के द्वारा की जा रही पूजा अर्चना से मन्दिर परिसर का वातावरण भक्तिमय बना रहा है। मान्यता है कि माँ दुर्गा के प्रथम
स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा करने से धन-धान्य-ऐश्वर्य, सौभाग्य-आरोग्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कहते हैं गोदना ठाकुरबाड़ी ऐसा दुर्गा पूजा स्थल है जहां पूरे विधि-विधान से माता का पूजन संपन्न कराया जाता है और आज भी यहां बंगाली पद्धति से पूजा होती है। जो भी भक्त यहां सच्चे मन से मन्नतें मांगते हैं उनकी मुरादें अवश्य पूरी होती है।