विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर ) पर विशेष मन स्वस्थ तो तन स्वस्थ : डॉ. तिवारी
ब्यूरो कन्नौज।
कन्नौज । मानसिक तनाव आज एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। इसके शिकार किसी खास आयु वर्ग के लोग ही नहीं बल्कि युवा व बुजुर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही प्रति वर्ष पूरे विश्व में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है | इस बार 10 अक्टूबर को अवकाश होने की वजह से 11 अक्टूबर को वृहद रूप से यह दिवस मनाया जायेगा। यह कहना है मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. राम मोहन तिवारी का | डॉ. तिवारी ने बताया कि जो लोग किसी वजह से परेशान हैं यानि डिप्रेशन में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए । क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन रोगी परेशान होकर गलत कदम उठा लेते हैं। कोविड-19 के संक्रमण काल में बहुत से लोग मानसिक तनाव से गुजरे लेकिन समाज व परिवार के संकोच में चिकित्सक से परामर्श नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोगों पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक अस्वस्थता किसी भी उम्र में हो सकती है।
डा.तिवारी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही आवश्यक परामर्श भी दिया जाएगा | बैनर – पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। क्या हैं लक्षण : मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं । इनमें डिमेंशिया, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, तनाव, चिन्ता, कमजोर याददाश्त, बाइपोलर डिसआर्डर, अल्जाइमर रोग, भूलने की बीमारी आदि शामिल हैं। अत्यधिक भय व चिन्ता होना, थकान और सोने में समस्याएं होना, वास्तविकता से अलग हटना, दैनिक समस्याओं से निपटने में असमर्थ होना, समस्याओं और लोगों के बारे में समझने में समस्या होना, शराब व नशीली दवाओं का सेवन, हद से ज्यादा क्रोधित होना आदि मानसिक बीमारी के लक्षण हैं। क्या करें : डॉ. तिवारी ने बताया यदि किसी को मानसिक अस्वस्थता है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निशुल्क सेवा के लिए और मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के निदान के लिए 104 पर कॉल कर भी जरुरी परामर्श ले सकते हैं।
मानसिक अस्वस्थता के लक्षण
-उदास रहना
-असामान्य बात करना
-घबराहट या डर लगना
- मन बार-बार खराब होना