अयोध्या:——-
…तेहिं छन मध्य राम धनु तोरा
श्री रामलीला समिति ख़्वाजाहाल रूदौली के रंगमंच पर मंचन के चौथे दिन धनुष यज्ञ का हुआ मंचन
अत्याधुनिक तकनीक और मोहक संगीत से पूर्ण लीला ने दर्शकों का मन मोहा
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
भेलसर(अयोध्या)राजा जनक जानकी के विवाह के निमित्त किये गए अपने प्रण को पूरा न होते देख मलीन हो जाते हैं और उपस्थित भूपति समाज को धिक्कारते हुए विलाप करते है और अपने प्रण पर पश्चाताप करते हैं। स्वयंवर में उपस्थित मुनि विश्वामित्र दशरथ सुत राम को शिव जी के धनुष पे चाप चढ़ा कर जनक जी के संताप को दूर करने का आदेश देते हैं।राम अपने गुरु के आदेशानुसार शिव जी के धनुष पर ओर चाप चढाते है जो स्वतः खण्डित हो जाता। सीता जी राम का वरण करती हैं।
श्री रामलीला समिति ख़्वाजाहाल रूदौली रामलीला मंचन के चौथे दिन रावण बाणासुर संवाद,धनुष यज्ञ व लक्ष्मण परशुराम संवाद की दृश्यों से परिपूर्ण मोहक लीला हुई।
ज्ञात हो कि इस वर्ष समिति द्वारा मंचन का 132वां वर्ष है।सीता राम विवाह प्रसंग के अवसर पर की गई विशेष साज सज्जा ने लीला को और भी भव्यता प्रदान की।स्वयंवर में पधारे रावण और बाणासुर का जबरदस्त संवाद हुआ।रावण के अभिनय में अनुराग अग्रवाल और बाणासुर के रूप मे ब्रज किशोर ने अपने से अभिनय प्रभावित किया।जनक का अभिनय कर रहे पंकज आर्य के अपने करुणाप्रद संवादों से लोगो को द्रवित किया।स्वयंवर में उपस्थित राजाओं के धनुष भंग में असफल हो जाने और राम जी के हाथों से धनुष भंग हुआ।राम जानकी विवाहोत्सव पर पुष्पवर्षा हुई,भव्य आतिशबाजी की गई।अपने आराध्य का धनुष टूटा देखा परशुराम जनक पर बहुत कुपित होते हैं और कारण पूछते हैं।लक्ष्मण और परशुराम का संवाद होता है।परशुराम को आभास होता है कि राम अवतारी हैं तो वह उनसे विनयपूर्वक क्षमा याचना करते है।परशुराम के रूप गणेश अग्रवाल व लक्षमण के अभिनय में रौनक शर्मा के अभिनय को दर्शकों ने सराहा।समिति के निर्देशक कमलेश मिश्र व सह निर्देशक मृदुल मनोहर अग्रवाल ने बताया कि कोविड के चलते पिछले वर्ष मंचन नही हो सका।इस वर्ष और अधिक उत्साह से सभी कलाकार व कार्यकर्ता मंचन में सहयोग कर रहे हैं।समिति के आशीष शर्मा ने बताया कि दिनाँक 11अक्टूबर राम वनगमन व दशरथ मरण के प्रसंगों का मंचन होगा।