*वेतन के अभाव में शिक्षकों का दूर्गापूजा रहेगा फीका
*सरकार की उदासीनता से समय पर नहीं मिल पाता है वेतन-संघ
अररिया संवाददाता
बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष सह अररिया जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस बार जिले के आठ हजार शिक्षक बिना वेतन के ही दूर्गापूजा मनाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण समय पर शिक्षकों को कभी वेतन नहीं मिल पाता है। हमेशा तीन चार माह के बाद अगर एक-दो माह का आवंटन भी देती है तो जिला स्तर पर किसी ना किसी कारण से वेतन भुगतान में अनावश्यक विलम्ब हो जाता है जिसका खामियाज़ा शिक्षकों को भुगतना पड़ता है शिक्षक कर्ज लेकर अपने परिवार का परवरिश करने पर मजबूर रहते हैं। यहां बता दें कि दूर्गापूजा के मौके पर एक सप्ताह पूर्व जिला को एक माह का आवंटन तो प्राप्त हुआ मगर पदाधिकारी एवं बैंकर की लापरवाही से दूर्गापूजा से पहले वेतन भुगतान नहीं हो सका। सरकार व विभाग की लापरवाही से शिक्षक को हमेशा कर्ज लेने पर विवश होना पड़ता है। उन्होंने बताया कि आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षकों को समय-समय पर वेतन भुगतान में विलंब कर सरकार शिक्षकों के जीवन में और गहरा आर्थिक संकट दे देती है। रुक-रुककर वेतन देना सरकार ने परिपाटी सी बना ली है। फिलहाल विगत दो माह से अल्प वेतनभोगी शिक्षक वेतन के लिए तरस रहे हैं। लिहाजा शिक्षकों के समक्ष भयानक आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। शिक्षकों को वेतन के अभाव में घर चलाने में जहां परेशानी हो रही है। वहीं दूर्गापूजा में बच्चों को कहां से नया कपड़ा दे पायेंगे सोचने वाली बात है। दुर्भाग्य की बात है कि वेतन के अभाव में शिक्षक समय पर अपना ईलाज तक नहीं करा पा रहें हैं समुचित ईलाज के अभाव में शिक्षकों की मौतें हो रही है और शिक्षा विभाग मौतों को रोकने के बजाए मृत शिक्षकों की गिनती करने में लगे रहते हैं। बावजूद शिक्षक देश के भविष्य नौनिहालो को सवांरने के लिए संकल्पित है तथा कोरोना काल की वजह से पढ़ाई में हुई क्षति को पुरा करने में लगे हुए है।