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दुर्गा अष्टमी पर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने दी शुभकामनाएं, कहा कन्या सम्मान और पूजन का दिन है दुर्गा अष्टमी।
जयराम विद्यापीठ में निरंतर हुआ दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान।
कुरुक्षेत्र, 13 अक्तूबर :- दुर्गा अष्टमी के दिन जयराम विद्यापीठ में जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार तथा ब्रह्मचारियों द्वारा मां भगवती के माता महागौरी स्वरूप की विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की गई और उसके साथ निरंतर दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं शतचंडी अनुष्ठान जारी है। शारदीय नवरात्र दुर्गा नवमी पर विशेष पूजन के साथ यज्ञ में पूर्णाहुति दी जाएगी। दुर्गाष्टमी पर भी शतचंडी अनुष्ठान यज्ञ में आहुतियां डालने के साथ सर्वकल्याण की भावना से माता महागौरी की आरती की। आचार्य लेखवार ने बताया कि नवरात्र समापन के लिए दुर्गा नवमी अवसर पर विद्यापीठ की मुख्य यज्ञशाला में दुर्गा सप्तशती पाठ जाप कर रहे विद्वान ब्राह्मणों तथा ब्रह्मचारियों को अंग वस्त्र एवं दक्षिणा भी वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवमी पर शतचंडी अनुष्ठान का समापन होगा। इसी अवसर पर विद्यापीठ में यज्ञ के पूर्णाहुति के साथ कन्याओं का पूजन होगा। ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने दुर्गा अष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दुर्गा अष्टमी पर कन्या तथा नारी के सम्मान व रक्षा का प्रण लेना चाहिए। नवरात्रों को केवल व्रत अथवा उपवास का पर्व ही नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि नवरात्रों को नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान के पर्व के रूप में ही मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात को भी याद रखना चाहिए कि नवरात्रों के दिनों में ही नहीं बल्कि हर दिन बच्चियों का सम्मान और रक्षा का प्रण होना चाहिए। ब्रह्मचारी ने नवरात्र पूजन की विधि के बारे में कहा कि परंपरा के अनुसार 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का विधान किया गया है। शास्त्रों में भी बताया गया है कि 10 साल तक की उम्र तक की कन्याओं को ही कन्या पूजन में शामिल करना चाहिए। क्योंकि 2 साल की कन्या कुमारी, 3 साल की त्रिमूर्ति, 4 साल की कल्याणी, 5 साल की रोहिणी, 6 साल की कालिका, 7 साल की चंडिका, 8 की शांभवी, 9 साल की दुर्गा और 10 साल की कन्या को सुभद्रा माना जाता है। ब्रह्मचारी ने कहा कि मां भगवती के श्रद्धालु बेटियों तथा महिलाओं के सम्मान एवं रक्षा का प्रण लें। वास्तव में तो बेटियों तथा महिलाओं का हर सम्मान होगा तभी भारतीय समाज सुरक्षित होगा। केवल दुर्गा अष्टमी के दिन ही बेटियों के पूजन तथा सम्मान की औपचारिकता नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर पवन गर्ग, श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, के. के. कौशिक एडवोकेट, के सी रंगा, टेक सिंह लौहार माजरा, सुरेंद्र गुप्ता, राजेश सिंगला, यशपाल राणा व सतबीर कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे।
दुर्गा अष्टमी पर पूजन करते हुए तथा मंत्रोच्चारण करते हुए ब्रह्मचारी व श्रद्धालु।