पोठिया श्री श्री 108 माँ दुर्गा की विसर्जन में भक्त जनों की लाखों की लाख संख्या में काफी उत्साह से माँ की विदाई की गई।
संवाददाता अमर कुमार उ
कटिहार जिला के फलका प्रखंड पोठिया श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर विजयादशमी मां दुर्गे नवमी और दशमी कि जो भक्त जनों की मंदिरों में भीड़ लगती है ।शायद यहां की कोई मेला व्यवस्थापक हो या फिर प्रशासन भक्तजन को संभालना मुश्किल हो जाती है। यहां की मां दुर्गा में इतनी शक्तिशाली है जो कि आज तक या अब तक ऐसा कोई भगदड़ हो या कोई और घटना नही हुआ क्योंकि मां दुर्गा इतनी शक्तिशाली मानी जाती है। कि इस मंदिर में कितने गरीब से गरीब और बीमार आते हैं और मैं मां से जो मांगते हैं उसकी मुरादे पूरी होती है और जो भी कितना भी दुख में क्यों ना हो मां के मंदिर आते हैं उनके सारे दुख हर ली जाती है और मां दुर्गे को नवमी और दशमी भक्तजन प्रसाद चढ़ाने को लेकर मां दुर्गा को जेवर भी चढ़ाए जाते हैं भक्तजन कहते हैं मां की हर बात निराली है और तो और मां दुर्गा की अराधना करके …..या देवी सर्वभूतेषु दया रूपेण संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमो.. की जाती है इस अस्तुति में इतनी शक्ति है की मां भक्त जन को किसी भी संकट में संकट से पार करती है ।पोठिया श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर में दिन शुक्रवार भव्य विसर्जन दिन संध्या 7:00 बजे मां दुर्गे का विसर्जन यहां की विसर्जन सबसे बड़ी बात यह है कि विसर्जन से पहले मां दुर्गा की फुलाइस किया जाता है। जब मां दुर्गा प्रकट होती है। तो मां दुर्गे का पूजा अर्चना करते हुए कीर्तन भजन के साथ-साथ आरती जयकारा करते हुए भजन करते हुए।.. जलती रहे शेरो वाली जोत तेरी जलती रहे ….ढोल बाजे के साथ मंदिर आते हैं ।और मां के मेर को उठाने वाले जो भक्त जान रजिस्टर में नाम अंकित रहते हैं। उन्हें ही मां की कंधा लगाने को मिलते हैं ।और इस भव्य विसर्जन में और तो और यहाँ की विशेषताएं हैं की मां के विसर्जन से पहले जमदूत उत्सव आग लेकर इग्यारह वार दौड़ते हैं ।और पोठिया श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर की विसर्जन को देखने के लिए कई देश, शहरों से, गांव से देखने के लिए काफी भीड़ उमड़ पड़ती है । भक्त जनों के साथ-साथ आम जनता और देखने वाले इतने दंग रह जाते हैं ।कि जो पोठिया में माँ दुर्गा की विसर्जन जिस तरह से की जाती है। ऐसा कोई देश या कोई जिला गांव में नहीं किया जाता है ।जब मां दुर्गा की विदाई होने लगती है। तो कितने भक्त जन महिलाएं पुरुष बच्चे पुजारी तक आंख से आंसू नहीं थम पाते हैं ।भक्तजन इतने मां दुर्गे के प्रति विदाई के समय भावुक हो जाते हैं की कुछ कहा नहीं जा सकता और विसर्जन देखने को हमारे पोठिया श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर में भव्य विसर्जन देखने को मिलती है के मां दुर्गा की विदाई के पीछे पीछे भक्तजन कम से कम पाँच हजार से भी ज्यादा महिलाएं पुरुष सभी मां की गीत गाते हुए। उनकी विदाई करते हैं ।और पुरुष ढोल बाजे नगाड़े के साथ झूमते गाते हुए ढोलक बजाते मां की विदाई को लेकर नाचते गाते हुए और पोठिया बाजार गांव को घूम कर पोठिया पोखर में विसर्जन कर दी जाती है। नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद दशमी के दिन व्रत पारण के बाद मां दुर्गा का विसर्जन किया जाता है. महानवमी के अगले दिन दशमी तिथि को धूमधाम से दुर्गा मां की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है. कहते हैं कि विसर्जन ने के लिए श्रवण नक्षत्र युक्त दशमी तिथि शुभ मानी जाती है. इतना ही नहीं, दुर्गा विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा का भी समापन हो जाता है.
कटिहार फलका से अमर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट