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पिहोवा के गांव स्योंसर में 11 हजार एकड़ में फैला है जंगल।
विलुप्त पक्षियों का बसेरा बनाने की योजना।
हिरण, हाथी, भालू व अन्य प्रजातियों के वन्य जीव को रखने की योजना।
सरस्वती नदी के किनारे स्योंसर के जंगलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना को रखेंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल व वन मंत्री कंवरपाल के समक्ष।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, चेयरमैन विनीत गर्ग सहित अन्य अधिकारियों ने किया स्योंसर जंगल का अवलोकन।
पिहोवा,कुरुक्षेत्र 17 अक्टूबर :- पिहोवा के गांव स्योंसर के जंगल को वाइल्ड लाइफ एंड बर्ड सेंचुरी (वन्य जीव एवं पक्षी अभयारण्य ) के रुप में विकसित करने की योजना को तैयार किया जाएगा। इस गांव में 11 हजार एकड़ भूमि पर जंगल फैला हुआ है। इस जंगल में विलुप्त प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा बनाने के साथ साथ वन्य जीव जैसे हाथी, भालू, हिरण, लंगूर बंदर सहित अन्य प्रजातियों का घर बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इस योजना को हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से तैयार किया जाएगा। इस योजना का खाका तैयार करने के बाद अंतिम अनुमति के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा के वन मंत्री कंवरपाल के समक्ष रखा जाएगा।
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने स्योंसर जंगलों का अवलोकन करने के बाद अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे। इससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, हरियाणा वन डाइवर्सिफिकेशन के चेयरमैन विनित गर्ग, जिला वन अधिकारी रविंद्र धनखड़, बोर्ड के एसई अरविंद कोशिक, कार्यकारी अभियंता हंसराज सहित अन्य अधिकारियों ने पिहोवा के गांव स्योंसर के जंगलों का बारीकी से अवलोकन किया। इस दौरान स्योंसर के जंगलों को वन्य जीव एवं पक्षी अभयारण्य के रूप में विकसित करने की संभावनाओं को देखा और विस्तार से चर्चा की है। इन अधिकारियों ने योजना के हर पहलू पर विचार किया और योजना को आगे बढ़ाने की रूपरेखा पर उपाध्यक्ष से बातचीत की है।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि कुरुक्षेत्र के साथ साथ हरियाणा के लिए यह सौभाग्य है कि पिहोवा के गांव स्योंसर में 11 हजार एकड़ भूमि पर भव्य व सुंदर जंगल विकसित है। इस जंगल को पर्यटन स्थल के अलावा वन्य जीव एवं पक्षी अभयारण्य के रुप में विकसित किया जा सकता है। इस जंगल में विलुप्त पक्षियों को रखने की योजना पर चर्चा की है। इसके साथ ही इस जंगल में भालू, हाथी, शेर, लंगूर बंदर सहित अन्य जीव जंतुओं को रखने पर चर्चा की गई है। यह माना जाता है कि यह जंगल सरस्वती नदी के किनारे पर होने के कारण ही विकसित हुआ होगा। इसलिए इस प्राचीन धरोहर को ओर विकसित करने का मन बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस स्थल को विकसित करने के लिए हर पहलू पर विचार किया जाएगा ताकि इस स्थल को देश का सबसे सुंदर वन्य जीव एवं पक्षी अभयारण्य के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि वन विभाग की तरफ से इस जंगल में फलदार व छायादार पौधे लगाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही इस जंगल के आस-पास पहले तालाब बनाए जाएंगे ताकि इन तालाबों से जंगल में पानी पहुंचाया जा सके। इससे जंगल में रहने वाले पक्षियों व पशुओं को पीने के लिए पानी भी मिल सके। इस योजना का प्रारूप तैयार करके मुख्यमंत्री मनोहर लाल व वन मंत्री कंवरपाल के समक्ष रखा जाएगा। यहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगामी कार्रवाई पर काम किया जाएगा। इस योजना के लिए केंद्र सरकार से भी बातचीत की जाएगी।
5 राज्यों के पर्यटक पहुंचते है तीर्थ नगरी पिहोवा में।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पिहोवा एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थली है। इस तीर्थ स्थली पर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं पैदा होगी।