शिब्ली कॉलेज में महिला सशक्तिकरण जागरूकता अभियान व दो दिवसीय लगा पुस्तक मेला
आजमगढ़| शिब्ली नेशनल महाविद्यालय में सोमवार को कॉन्फ्रेंस हॉल में पुस्तक मेले का दो दिवसीय महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें कुल 36 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रथम दिन 16 प्रतिभागियों ने अपने आलेख प्रस्तुत किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शाहीन जाफरी ने ने कहा जिसने समाज और देश में बहुत कुछ बदल दिया है। जिसका उदाहरण देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य की महिला राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल है। वही संचालन कर रही हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ फिरोजा बानू ने कहा पुस्तक मेला समाज में किसी समस्या को बेहतर ढंग से निपट सकती हैं। उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष मोहम्मद ताहिर ने कहा कि वर्तमान समाज के साथ अत्याचार बढ़ते चले गये, जिससे कानून में कई बदलाव लाए गए। दर्शन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ बीके सिंह ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति जागरूक कर आत्मनिर्भर भारत के सपना को सजोया जा सकता है। इस समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा दिलाने के लिए महिला सशक्तिकरण ही एक अहम भूमिका निभा सकती है। संगोष्ठी में प्रतिभागी कविता सोनकर ने कहा कि समाज में महिलाओं की शिक्षा एवं अन्य सामाजिक स्थिति में अत्यधिक सुधार हुआ है परंतु आज भी रूढ़िवादिता एवं पूर्वाग्रह के कारण बेटियां बंधन के जंजीर में जकड़ी हुई हैं। अन्य प्रतिभागियों ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं बेटियों को भी उड़ने दो किनारे को चरितार्थ करने के लिए पुरुषों को आगे आने के लिए आह्वान किया कार्यक्रम में प्रिया, हर्ष ,अंजली, पूजा, रुचि, निशू, शिखा ,शिवानी ,निशा, कृति, सुमैया, हुमा हामिद, सना, नाजिया आदि प्रतिभागियों ने अपना -अपना विचार व्यक्त किया।