मोहम्मद ने दिया था वतन से मोहब्बत का पैगाम
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पटेगना (अररिया) संवाददाता
सरकार की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, पुर नूर की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा आदि गगनभेदी नारे से शुक्रवार को क्षेत्र का माहौल गुंजायमान रहा। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर अररिया ग्रामीण क्षेत्रों में भी चहुंओर कार्यक्रम की धूम मची रही। बारिश को लेकर इस साल बाईक जुलूस नही निकाला गया। खासकर अररिया प्रखंड के किस्मत खवासपुर पंचायत के मोमिन टोला वार्ड नंबर 15 स्थित मदरसा दारुल उलूम सुजातिया मकसूदिया पलासी के परिसर में जोहर नमाज के बाद बच्चों द्वारा ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया। मिलाद शरीफ में एक से बढ़कर एक तकरीर व नात शरीफ गाकर लोगों को मोहम्मद साहब के रास्ते पर चलने का हिदायत दी गई। इस दौरान बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक गगनभेदी जयकारे व उल्लास देखते ही बनता था। बताते चलें कि 12वीं रबी उल अव्वल 571 हिजरी को मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था। उसी वक्त से मुस्लिम समुदाय के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब जश्न में मिलादुन्नबी मनाते हैं। साथी ही मोहम्मद साहब के आदर्श पर चलते आ रहे हैं। मिलाद शरीफ मदरसा के हेड मोलवी मौलाना अब्दुल माजीद नईमी ने मुल्क के लिए मांगी गई दुआ के साथ संपन्न कर दिया गया। मौके पर हाफिज शदरे आलम, हाफिज नईम अंसारी, मजार के खादीम हाजी सिद्दीक अंसारी, संवेदक जाबिर अंसारी, डॉक्टर अलाउद्दीन अंसारी, साजिद अंसारी, साकिर मास्टर, इमरान अंसारी, साबिर अंसारी, मुल्ला फरीद अंसारी, हाजी ताहिर अंसारी, लड्डू, आशिक, जहांगीर, राजा, तौसीफ, सोनू, मोनू, अकबाल, आजाद आदि का अहम योगदान रहा।