पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री के रूप में अखंड भारत की आजादी की घोषणा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने की थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व जैसा कोई नहीं है। सुभाष के न रहने का दर्द करोड़ों लोगों ने झेला, विभाजन की त्रासदी हुई, लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोगों के घर बर्बाद हुए।आज भी विभाजन से उपजे नफरत के विष से विभाजित भारत की सरकार लड़ रही है।
उक्त विचार आजाद हिंद सरकार की स्थापना दिवस पर विशाल भारत संस्थान एवं सोसायटी फॉर हिस्टोरिकल एंड कल्चरल स्टडीज की ओर से बृहस्पतिवार को आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे। इंद्रेश नगर में फूलों से सुभाष भवन और सुभाष मंदिर को सजाकर आजाद हिंद सरकार की स्थापना दिवस का उत्सव मनाया गया। सुभाष मंदिर में पूजा एवं आरती मंदिर की पुजारी खुशी रमन ने कराई।
मुख्य अतिथि अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चंद्र दुबे ने नेताजी के मंदिर में माला समर्पित की व आरती उतारी। कहा कि देश की आजादी के इतिहास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान अद्वितीय था। बाल आजाद हिंद बटालियन ने नेताजी को सलामी दी। इली भारतवंशी के नेतृत्व में सुभाष कथा सुनाई गई।
संगोष्ठी में डॉ. तपन कुमार घोष, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, डॉ. मृदुला जायसवाल ने विचार व्यक्त किए। संचालन खुशी रमन भारतवंशी एवं धन्यवाद डा. निरंजन श्रीवास्तव ने किया।