पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि काशी में आदिकाल से ज्ञान-संस्कृति का चिंतन और पोषण होता है। यहां से निकली विभूतियों ने वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक विरासत को प्रतिष्ठित किया है।मुझे विश्वास है कि साझा प्रयास और संतजनों के आशीर्वाद से हम देश के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य प्राप्त करेंगे। वह अपने दिनी काशी प्रवास के दूसरे दिन छोटी गैबी स्थित श्रीनगर कालोनी में धर्माचार्यों से संवाद कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसी समाज को सही दिशा देने के लिए कुछ आमूल परिवर्तन की आवश्यकता होती है। उसी योजना को दृष्टिगत रखते हुए न केवल काशी बल्कि भारत के सभी प्रमुख स्थलों को संरक्षित व संवर्द्धित किया जा रहा है। इस परिवर्तन के प्रति हम पूर्णतया सचेत हैं कि उस स्थान के मौलिक या पौराणिक स्वरूप में परिवर्तन न हो।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी, डॉ. श्रवणदास, कोतवाल दास, स्वामी रामदास, गोविंद दास महाराज, संतोष दास ने सरकार की नीतियों की प्रशंसा की। भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने कहा कि काशी के संत समाज ने सदैव अपना आशीर्वाद संगठन को प्रदान किया है। सभी को आश्वस्त करता हूं कि आपके हितों की चिंता सदैव संगठन करेगा। संवाद की शुरुआत काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य अर्चक पं. श्रीकांत मिश्र ने मंगलाचरण से किया। इसके बाद स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने स्वागत भाषण दिया। सभी संतों ने राष्ट्रीय महामंत्री का अंगवस्त्रम भेंट कर अभिनन्दन किया। संयोजन व संचालन डॉ. सुनील मिश्र ने किया। डॉ. सुनील ने काशी के संत समाज पर लिखी अपनी पुस्तक रिलीजियस सेक्ट्स एंड कल्चरल डायवर्टिज महामंत्री को भेंट की। इस अवसर पर प्रमुख रूप से महन्त शंकर पुरी महाराज, भारत भूषण महाराज, ईश्वर दास महाराज, अनिल गुजराती, चल्ला सुब्बाराव, चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, मणि महाराज, रामेश्वर ओझा, रवीन्द्र गिरी, विधीभूषण सहित अन्य संतजनों की उपस्थिति रही।