पूर्वांचल ब्यूरो
अभोली ब्लॉक के फत्तूपुर गांव में पंचायत भवन निर्माण मामले में तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी पंचायत अभोली नन्हेलाल बिंद सहित तत्कालीन अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण अजय भारतीया की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
एमबी में हुए हेरफेर की जेई ने जांच-पड़ताल नहीं की। जिससे जांच में उन्हें भी दोषी माना गया। सीडीओ भानु प्रताप सिंह ने गबन के मामले में रिकवरी का निर्देश दिया है। ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासक बने एडीओ पंचायत और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने सरकारी धन में जमकर मनमानी की।
मामला खुलने के बाद विभिन्न ग्राम पंचायतों में अब तक एक एडीओ पंचायत व चार ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। अभोली ब्लॉक के फत्तूपुर में पंचायत भवन निर्माण में कुल 22 लाख खर्च दर्शाया गया है। डीएम के निर्देश पर जांच करने वाली टीम ने पाया कि पांच लाख की फर्जी एमबी(मेजरमेंट बिल) तैयार की गई, जबकि पांच लाख 30 हजार 495 का काम ही नहीं किया गया। जांच में यह भी कहा गया कि अगर अवर अभियंता तकनीकी जांच कर सही रिपोर्ट देते तो ऐसी स्थिति नहीं होती। एडीओ, सचिव, पूर्व प्रधान संग अवर अभियंता भी दोषी हैं। सीडीओ भानु प्रताप सिंह ने सरकारी धन के गबन के लिए रिकवरी का निर्देश दिया।