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यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज बनाए गए त्रिपुरा सुंदरी धाम (त्रिपुरा) के पीठाधीश।
थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ का पांचवा दिन।
कुरुक्षेत्र, 26 अक्तूबर : मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार द्वारा थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ में बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठाधीश्वर के जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज पहुंचे। संत सम्मेलन में उनके साथ काशी सुमेरू पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य, स्वामी नरेशानंद सरस्वती, जगदगुरु घनश्यामा तीर्थ जी महाराज, परमहंस ज्ञानेश्वर , हरिचैतन्य ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज, जयराम विद्यापीठ से ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी, राजपुरी डेरा बाता (कैथल) के महंत इंद्रगिरी महाराज सहित धर्मनगरी के संत, कई दंडी स्वामी, ब्राह्मण वर्ग एवं जनसाधारण शामिल हुआ। सोमवार सायं जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद जी सरस्वती ने अपने संबोधन में धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की व्याख्या विस्तार से बताते हुए कहा कि यहां प्रत्येक व्यक्ति कर्म करने के लिए स्वतंत्र है और श्रेष्ठ कर्म करना ही यज्ञ है। मनुष्य का शरीर भी एक क्षेत्र है जिसके माध्यम से मनुष्य कर्म करता है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि जैसे धरती पर कोई बीज बोया जाए तो वैसा ही अंकुरित होगा, इसी प्रकार इस शरीर रुपी क्षेत्र के अंदर जिस प्रकार के संस्कार, भावनाएं, विचार का रोपण किया जाएगा। वह वैसा ही अंकुरित होगा और उसी के अनुसार मनुष्य मनुष्तव को प्राप्त होगा। श्रेष्ठ मनुष्य ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण होगा। जिस प्रकार एक मनुष्य अपने खेत की निराई गुड़ाई करता है उसी प्रकार मनुष्य को अपने इस शरीर रुपी क्षेत्र की भी निराई गुड़ाई इस लक्ष चंडी महायज्ञ रूपी श्रेष्ठ कर्मोंे व सत्संगों द्वारा करनी चाहिए। यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज, महामंडलेश्वर डा. प्रेमानंद, महामंडलेश्वर विकास दास महाराज मोहड़ा धाम, लक्षचंडी महायज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा गोल्डी, अशोक शर्मा, आशुतोष गोस्वामी, राजेश मौदगिल, विजयंत बिंदल, राहुल तंवर व सतपाल द्विवेदी सहित व्यवस्था में जुटे समस्त कार्यकर्ताओं ने सभी संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठाधीश्वर के जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने लक्षचंडी महायज्ञ के प्रेरणास्त्रोत यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज को त्रिपुरा सुंंदरी धाम (त्रिपुरा) का पीठाधीश नियुक्त करने की घोषणा की। जिसका सभी संत समाज व श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। मंगलवार सुबह सभी संतों ने लक्षचंडी महायज्ञ में आहुतियां दी। कार्यक्रम में नगर परिषद थानेसर की निवर्तमान अध्यक्षा उमा सुधा, प्राचीन श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर से अनूप गिरी, स्थानेश्वर महादेव मंदिर से पुजारी रोशन पुरी, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री बालकिशन, खंड कार्यवाह राजीव, दिनेश कुमार जींद, आरएसएस विभाग कार्यवाह डा.प्रीतम, डा. मनीष, परुषोतम सिंह ठाकरान, अनुज, सह जिला संघचालक रणजीत, सोनू मल्होत्रा, दीपक सचदेवा, इकबाल लुखी, डा. संजीव शर्मा, अतुल शास्त्री, इश्वर सिंह, बलबीर सिंह,परीक्षित शर्मा, राहुल पांचाल, लखीराम, कृष्णा, लीलूराम हिसार, सोमप्रकाश कौशिक, ओमप्रकाश लुखी, सतीश शर्मा, सतीश मित्तल, ओमप्रकाश जलगांव, रमेश कौशिक, हरीश शर्मा,जनकराज सिरसा, बी.डी.गौड़ चंडीगढ़, सीमा लोहिया व ममता गोयल सिरसा, देवेंद्र शर्मा, हरि प्रकाश शर्मा सोनीपत, हरीश अरोड़ा, कंवरपाल शर्मा, सरजन्त सिंह,अनिल देवगण,भगवत दयाल शर्मा, लेखराज सचदेवा, दीपक सचदेवा,सुरेन्द्र शर्मा, मुनीष राव, राज सिंह मलिक, लवकुश पंडित, दीपक शर्मा, कमल शर्मा, कृष्ण दहिया सिसाना, राजीव सैनी, विजेंद्र सिंह, अनिल डागर, ईश्वर शामड़ी, सुशील, आर.डी.शर्मा आदि शामिल रहे।