तीन दिवसीय सत्संग शुरू
भरगामा(अररिया) संवाददाता
अहंकार के प्रभाव में आने से मनुष्य का विनाश निश्चित है ।अहंकार के कारण मनुष्य का बुद्धि व विवेक समाप्त होकर अपने पराए के ध्यान से पडे हो जाता है ।भक्ति के प्रभाव से अहंकार समाप्त होता है । भक्ति का प्रथम सोपान सत्संग है । संत महात्मा के शरण में आकर ही लोगों का कल्याण संभव है । उक्त बातें संतमत के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने रहरीया में आयोजित तीन दिवसीय सत्संग ध्यान अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को अपराह्न कालीन सत्संग में कही ।भजन कीर्तन संत स्तुति गीता योग,रामायण पाठ के द्वारा सत्संग का शुभारंभ हुआ ।
उन्होंने कहा कि भक्ति के माध्यम से लोगों का जीवन कल्याण संभव है । कल्याण नहीं होने से जीवन में भटकाव आता है ।जीवन में भटकाव आने पर आपका जीवन कष्टकर होगा ।जीवन को कष्ट से उबारने के लिए संत के शरण में जाकर नित्य सत्संग ध्यान को अपनावे ।ध्यान अधिवेशन में स्वामी प्रमोद बाबा ने प्रवचन करते कहा कि मानव जीवन में शांति और स्थिरता हो उसके लिए नियमित रूप से सत्संग ध्यान को जीवन में उतारे। उन्होंने कहा कि पंच पाप से मुक्ति का साधन भी सत्संग है ।स्वामी जय कुमार बाबा ने प्रवचन में कहा कि ध्यान साधना के माध्यम से ब्रह्म की प्राप्ति होती है ।सत्संग में स्वामी अनमोल बाबा,स्वामी दीप नारायण बाबा व अन्य साधु महात्मा ने उपस्थित लोगों को अमृत पान कराया । मौके पर नरपत गंज विधायक जय प्रकाश यादव,भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार सुराना,नवीन यादव,शितांसु शेखर पिंटू,भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक कुमार मुन्ना, चन्द्रा नंद झा चाणक्य ,नित्य नंद मेहता,ललित झा,अधिवक्ता नवल किशोर सिंह,
विद्यालय प्रधान मनोज कुमार यादव सहित अन्य सत्संग प्रेमी उपस्थित थे ।सत्संग को सफल बनाने में बिंदेश्वरी यादव,सुभाष कुमार,रमन कुमार एवं अन्य स्थानीय लोग सक्रिय थे।