स्कूली बच्चों की लोक कलाओं की शानदार प्रस्तुतियों ने मोहा ऑडियंस का मन
🪔 दीपोत्सव मेले के दूसरे दिन भी जारी रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम
कोंच। शासन के निर्देश पर यहां एसआरपी इंटर कॉलेज के मैदान में चल रहे दीपोत्सव मेले के दूसरे दिन भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की लंबी श्रृंखला चली जिसमें स्कूली बच्चों के अलावा लोक कलाकारों ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से ऑडियंस का मन मोह लिया।
पालिकाध्यक्षा डॉ. सरिता वर्मा, एसडीएम/प्रभारी ईओ अंकुर कौशिक, पूर्व बारसंघ अध्यक्ष विज्ञान विशारद सीरौठिया आदि के आतिथ्य में संजोए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बुंदेली लोकगीत, लोकनृत्य और लोक संगीत की बही रसधार में ऑडियंस डूबते उतराते रहे। पं. रामस्वरूप रावत इंटर कॉलेज की छात्रा तनिष्क पाठक ने ‘बेटी बचाव, बेटी पढाओ’ थीम पर बहुत ही मार्मिक लोकगीत गाया। महंत कृष्णदास इंटर कॉलेज अंडा की छात्राओं दीपिका, नैन्सी, रोशनी ने बुंदेली लोकगीत प्रस्तुत किया। कमला नेहरू बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं पायल शिवहरे, पायल रजक, नैन्सी, आनंदी वंशकार, नम्रता कुशवाहा व शिवानी ने ‘उठो धना’ तथा ‘तंबाकू पीना छोड़ो सैंया’ लोकगीत गाए। अमरचंद्र महेश्वरी इंटर कॉलेज की छात्राओं बैष्णवी पाटकार, वंशिता पाटकार, निकेता यादव व करिश्मा चौधरी ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। इसी स्कूल की समीक्षा, सोनिया, दीक्षा, आयुषी, ज्योति, विशाखा ने बुंदेली में अचरी गायन किया। इरम, आयत, बैष्णवी, तस्लीमा, मुस्कान, संध्या व अंजू यादव ने दीपावली गीत व दीपावली नृत्य का प्रदर्शन किया। एसआरपी इंटर कॉलेज की छात्राओं लवी कुशवाहा, निकेता कुशवाहा, अनुराधा, सनी, गौरी, नीतू जाटव, राधा, राज, संध्या, तनु, महक, शीतल आदि ने विदाई गीत और लघु नाटक की प्रस्तुति दी। एसटीके बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं के लोकनृत्य ने जमकर तालियां बटोरीं। संचालन संयुक्त रूप से संजय सिंघाल, राजेंद्र द्विवेदी, एसपी सिंह ने किया। सांस्कृतिक मंच के नोडल अधिकारी द्वय ब्रजवल्लभसिंह सेंगर, सीताराम प्रजापति के अलावा सभासद महावीर यादव, सेनेट्री इंसपेक्टर हरिशंकर निरंजन, आरआई सुनील कुमार यादव, जीवनलाल बाल्मीकि, रामशंकर छानी, पवन गौतम, हिम्मत सिंह यादव, आपूर्ति निरीक्षक याकूब हसन, गुड्डू, सौरभ पुरवार, पप्पू पाठक, आशुतोष रावत आदि मौजूद रहे।
समृद्ध सांस्कृतिक मंच ने रखी दुकानों से खाली दीपोत्सव मेले की लाज
लोन देने का सरकार का दबाव भी मेले में नहीं बुला सका रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को
कोंच। रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को उनके उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराने और सरकार के कामों तथा योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने की मंशा से निकाय क्षेत्र में लगाए गए दीपोत्सव मेले का मकसद ही दुकानदारों के नहीं आने से खोकर रह गया है, अलबत्ता समृद्ध सांस्कृतिक मंच ने जरूर मेले की लाज रख ली है। सांस्कृतिक मंच पर विभिन्न विद्यालयों के बच्चों की शानदार प्रस्तुतियों तथा लोक कलाकारों द्वारा दी जा रही प्रस्तुतियों को खूब सराहना मिल रही है। एसआरपी इंटर कॉलेज में लगाए गए दीपोत्सव मेले में शुक्रवार को भी ज्यादातर स्टॉल खाली दिखे। एक दो दुकानें दीयों और मोमबत्तियों की दिखाई दीं लेकिन ग्राहक नहीं होने के कारण वे भी हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे। दरअसल, कोरोना काल के दौरान सरकार ने रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को पटरी से उतरी उनकी आजीविका को पुनः पटरी पर लाने की सरकार की मंशा के तहत दस दस हजार का लोन दिया गया था। सूबे भर में दीपोत्सव मेले लगाए जाने के पीछे सरकार का मकसद उन रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को उनके उत्पाद बेचने के लिए बढिया बाजार उपलब्ध कराना तो था ही, सरकार यह भी चाहती थी कि मेले के माध्यम से सरकार के कामों और जनहित की योजनाओं के बारे में जानकारी जनता तक जाए। समझा जा रहा था कि जिन रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को सरकारी लोन मिला है उन पर सरकार के एहसान का दबाव काम करेगा लेकिन दुकानदारों ने मेले में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। मेले के पहले दिन के अनुभव से ही दुकानदार डर गए क्योंकि जो इक्का दुक्का दुकानें गुरुवार को लगी थीं उनकी दो पैसे की भी बिक्री नहीं हुई। यही हाल दूसरे दिन शुक्रवार को भी रहा। ऐसी स्थितियों में समृद्ध सांस्कृतिक मंच ने जरूर मेले की लाज बचा ली है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में लोकगीत, लोकनृत्य और लोक संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं ने एक से बढ कर एक प्रस्तुतियां देकर वाहवाही लूटी।