पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
परिवर्तन कोई ऐसा पदार्थ नहीं है जो प्रत्यक्ष दिखाई दे। वह तो होता है, धीरे-धीरे हम उसका होना महसूस करते हैं। स्त्री आज सशक्तीकरण की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है।इसे पूरा राष्ट्र महसूस कर रहा है। सक्षम और समर्थ नारियां गरीब और वंचित कन्याओं को शिक्षित कर बिना किसी प्रचार प्रियता के आत्मनिर्भर बनाने का काम चुपचाप कर रही हैं।
ये विचार डॉ. नीरजा माधव ने समर्पण संस्थान और भारत विकास परिषद की वरुणा शाखा की ओर से अशोक विहार कॉलोनी में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। डॉ. शिप्रा धर ने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 25 गरीब कन्याओं के नाम से पोस्ट ऑफिस में खाता खोलने और 15 वर्षों तक की उन कन्याओं के नाम पर एक निश्चित राशि जमा करने के बारे में बताया। कहा, धनराशि इन कन्याओं की शिक्षा, शादी या उसके बाद रोजगार आदि में काम आएगी। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. बेनी माधव ने कहा कि पहले ऋषि और ऋषिकाएं समाज और मानवता के कल्याण के लिए मौन प्रार्थना और तपस्या करती थीं। आज वैसा ही कार्य इस तरह के समाजसेवी कर रहे हैं। रमेश लालवानी, डॉ.राम सुधार सिंह ने भी विचार रखे।