हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877
कुरुक्षेत्र, 2 नवम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कुवि शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों व उनके परिवार को दिपावली के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत में अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं उन्हीं में एक सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्यौहार है दिपावली। दीपावली खुशियों व दीपों का त्यौहार है बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है।
कुलपति ने कहा कि यह त्यौहार सभी के लिए सुख, समृद्धि, यश एवं कीर्ति से परिपूर्ण हो। उन्होंने अपील की कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और देशहित और पर्यावरण हित में सभी लोग ईको फ्रैंडली दिवाली मनाएं। घर में मिट्टी के दिए जलाएं। मिट्टी की ईको फ्रैंडली मूर्तियों को अपने घर में स्थान दें व प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से दूरी बनाएं। लक्ष्मी पूजन के लिए बाजार में लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की इको फ्रेंडली मूर्तियां आसानी से मिल जाती हैं।
कुलपति ने कहा कि सरकार के आदेशानुसार इस बार पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाई गई है। इसलिए सबसे पहले तो पटाखों से दूरी बनाएं। पटाखें आपको थोड़ी देर का मजा तो दे सकते हैं लेकिन पर्यावरण के लिहाज से यह बेहद हानिकारक है। दीवाली के दिन छोड़े गए पटाखों से वायु और ध्वनि प्रदुषण भयावह स्तर पर पहुंच जाता है, जिसे अपनी सही स्थिति में आने में लंबा समय लग जाता है। इसलिए वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण की मार से बचने के लिए इस दिवाली पटाखों से बनाएं दूरी और अपनी दीपावली को ईको-फ्रैंडली रखें आपकी ईको-फ्रैंडली दिवाली की पहल से बुजुर्गों और बच्चों की सेहत सही बनी रहेगी।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि दीपावली के दौरान आमतौर पर मार्केट में केमिकल युक्त रंगोली के रंग बेचे जाते है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है। इसलिए इस दिवाली पर ऐसे रंगों से दूरी बनाएं और इसकी जगह नैचुरल कलर्स खरीदकर उससे रंगोली बनाएं। नैचुरल कलर्स थोड़े महंगे जरूर होते है पर आपकी सेहत और पर्यावरण से बढ़कर नहीं। तो इस बार नैचुरल कलर्स से रंगोली सजाए और ईको-फ्रैंडली दिवाली मनाएं।