15 नवंबर से कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा कालाजार के मरीज़ों की खोज अभियान की होगी शुरुआत
-चयनित आशा कार्यकर्ताओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
-कालाजार के मरीज़ों को आरके-39 किट से की जाती हैं जांच: डीएमओ
-कालाजार के रोगियों की पहचान कैसे करें: डीपीओं
पूर्णिया संवाददाता
जिले में कालाजार के रोगियों की खोज अभियान आगामी 15 नवंबर से चलाया जाएगा। कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत जिले की आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कालाजार मरीजों की खोज करायी जाएगी। इस कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए आशा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। ताकि लक्षण व पहचान के आधार पर मरीजों को चिह्नित करने में कोई परेशानी नहीं हो। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मण्डल द्वारा ज़िले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य प्रबंधक को पत्र जारी कर कई तरह का आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। जिले के धमदाहा, बी- कोठी, बनमनखी, के- नगर, श्रीनगर, डगरुआ और पूर्णिया पूर्व पीएचसी के अंतर्गत आने वाली आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। ज़िले के 333 आक्रांत गांवों में भ्रमणशील टीम द्वारा सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव विगत महीने में कराया गया है। ताकि कालाजार के मरीज़ों की संख्या कम हो।
कालाजार के मरीज़ों को आरके-39 किट से की जाती हैं जांच: डीएमओ
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ आरपी मण्डल ने बताया कालाजार प्रभावित गांव में कालाजार रोगियों की पहचान की जानी है। इसके लिए जिले के अधिकांश आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण के बाद आशा कार्यकर्ता अपने – अपने पोषक क्षेत्रों में दी गयी समयावधि के दौरान सभी घरों में कालाजार के लक्षण वाले मरीजों को खोजने का काम करेंगी। प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट अपने आशा फैसिलिटेटर को शाम को देंगी। वहीं केटीएस और केबीसी कालाजार लक्षण के रोगियों का सत्यापन कर उसकी जांच को सुनिश्चित करवाएगी। आशा फैसिलिटेटर आशा के द्वारा किए जा रहे कार्यों पर नजर रखेंगी। प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक घर-घर कालाजार खोज कार्यक्रम की निगरानी एवं अपने प्रखंड के कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक एवं जिला सामुदायिक उत्प्रेरक को ब्यौरा उपलब्ध कराएंगे। आशा कार्यकर्ता कालाजार के लक्षण वाले मरीज को पीएचसी रेफर करेंगी, जहां चिकित्सक मरीज की डाइग्नोसिस करेंगे। उसके बाद आरके- 39 किट से जांच की जाती है। इन सभी कार्यक्रमों में केयर इंडिया की टीम पूरी तरह से सहयोग करेगी।
-कालाजार के रोगियों की पहचान कैसे करें: डीपीओ
केयर इंडिया के डीपीओं चंदन कुमार सिंह ने बताया वैसे मरीज कालाजार के रोगी हो सकते हैं जिन्हें 15 दिनों से ज्यादा से बुखार हो। जिन्हें भूख नहीं लगती हो, उदर बड़ा हो रहा हो, जिनका वजन लगातार कम हो रहा हो, शरीर काला पड़ रहा हो, वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो लेकिन उनके शरीर पर दाग और पूर्व में कालाजार के रोगी रह चुके हों। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के अंतर्गत कालाजार के मरीजों को इलाज के उपरांत छतिपूर्ति के रूप में 6600 रुपये एवं भारत सरकार की तरफ से 500 रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है। जबकि पीकेडीएल के मरीज को इलाज के बाद एकमुश्त 4, 000 रुपये की राशि दी जाती है।