हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- श्री गोविंदानंद आश्रम ठाकुरद्वारा पिहोवा पिहोवा की महंत सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज ने आज सत्संग में श्रद्धालओ को संबोधित करते हुए कहा कि अतीत की कड़वी सच्चाईयों से सीखने का प्रयास करना चाहिए। जीवन से जो चला गया है उसका गम मनाने की वजाय, जो बचा हुआ है उसे सँभालने का प्रयास करना चाहिए। कुछ नई योजनायें बनाकर, नई उम्मीदों के साथ फिर कर्म के रण में उतर जाना चाहिए।
जो खो गया है वह तो लौटकर नहीं आ सकता है। अपने नुकसान के लिए किसी को भी दोषी मानने की बजाय, और उससे बदला लेने की बजाय अपनी ऊर्जा को पुनः अपने उद्देश्य में लगाना चाहिए।
अपने पुराने दुःख से, अतीत की बुरी स्मृति से जब तक आप मुक्त ना होंगे तब तक भविष्य का सुनहरा कल आपका आलिंगन कैसे करेगा ?
महंत सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज ने बताया कि वक्त सबको मिलता है जीवन बदलने के लिए
मगर जीवन दुवारा नहीं मिलता वक्त बदलने के लिए।