*बिजेंन्द्र सिंह की खास रिपोर्ट:
*आजमगढ़, अजमतगढ़ ब्लॉक के इस गांव में, आवास में इंसानों की जगह रहते हैं जानवर, और विद्यालयों में दारु बाजों का अड्डा।
*आइए आपको आज हम सरकारी धन का दुरुपयोग कैसे होता है बताते हैं।?
*अहम बात- मीडिया के पास विद्यालय में मौजूद भरी बीयर की केन की वीडियो मौजूद।
*सबूत नंबर दो- मीडिया के साथ प्रधान पति ने भी देखा तीन युवकों को शराब पीते हुए। इसके भी साक्ष्य मौजूद
*सबूत नंबर- 3 आवास में पल रहे जानवर की वीडियो भी मौजूद।
शिक्षा का मंदिर बना दारु बाजो का अड्डा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ‘2022, को देखते हुए वैशवारा vv news रिपोर्टर बिजेंन्द्र सिंह अपनी टीम के साथ जनता की राय लेने के लिए ग्राम सभा सोकहना,मुरारपुर पहुंचे।
गांव में पहुंचते ही उन्हें एक विद्यालय दिखा जिसकी सामने से बाउंड्री वाल टूटी और वहां पर बहुत सारी ईटे बिखरी पड़ी थी।
कम्पोजिट भवन के रूप में चल रहे हैं प्राथमिक और जूनियर दोनो को अब तक शौचालय मोहैया नहीं हो सका है, पुराने शौचालय की बात करें तो एक सामान्य व्यक्ति को भी वहां उल्टियां आ जाएं, भारत स्वच्छता मिशन की धज्जियां उड़ाता शौचालय बाल अधिकार का पूरी तरह हनन करता है।
दूसरी तरफ जूनियर की फर्श अब तक नहीं हो सकी है और यह भी कम्पोजिट भवन में ही चल रहा है।
आपको बता दें कि जैसे ही रिपोर्टर गांव के प्राथमिक और जूनियर के विद्यालय पर पहुंचा वहां पहले से ही तीन युवक शराब का लुफ्त उठा रहे थे, रिपोर्टर ने उन्हें अपने कैमरे में कैद करना चाहा लेकिन तीनों युवक वहां से भाग खड़े हुए, और यह पूरा वाक्या मीडिया के साथ मौजूद गांव के प्रधान पति ने भी देखा।
प्रधान पति ने मीडिया को देखते हुए ऑन कैमरा उन युवकों को मां की गाली दी हालांकि युवक वहां से तब तक जा चुके थे।
लेकिन सवाल यह है कि आखिर शिक्षा के मंदिर में लोगों ने दारू का अड्डा बनाया हुआ है, और प्रधान पति को इसकी भनक तक नहीं। हालांकि पूछने पर प्रधान पति ने कहा कि एक दो बार पहले भी मैंने देखा है और इन लोगों को डांटा है।
ग्राम सभा में एक पंच और 6 समितियां होती हैं और सबका अलग-अलग अपना काम है तो आखिर इसकी जवाबदेही कैसे तय की जाएगी।
हालांकि बीएसए महोदय को फोन किया गया और उन्होंने अभी तक फोन नहीं उठाया है।
इसी गांव में सरकारी धन का दूसरा सबसे बड़ा दुरुपयोग भी सामने आया, विद्यालय से होने के बाद रिपोर्टर गांव में पहुंचा तो वहां प्रधानमंत्री आवास में जानवरों का निवास बना हुआ था, हालांकि यह आवाश पूर्व प्रधान ने दिया था अब जरा इस खेल को आप समझिए जिन्हें यह आवाश दिया गया होगा, उनके पास पहले से घर मौजूद होगा, तभी तो उनके जानवर वहां पल रहे थे, और वह अपने बने हुए पहले वाले मकान में रह रहे हैं, इसका मतलब यही हुआ कि यह आवास अपात्र को दिया गया, वीडियो साहब को इसकी जांच करवानी चाहिए यकीन मानिए हर गांव में ऐसे कई नमूने मिल जाएंगे, जिन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर किया हुआ है, और गांव से लेकर ब्लॉक तक बिना मिलीभगत के खेल हो ही नहीं सकता।