राम रसपान करने से त्याग प्रेम और संयम की भावना होती जागृत—राधिका किशोरी
संवाददाता:—विकास तिवारी
अम्बेडकर नगर||जहां प्रेम है वही रामायण है और जहां अधिकार दिखाते हैं वही महाभारत है ।ईश्वर ने जीव को मात्र कर्म करने का अधिकार दिया है हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश सब अपने हाथ में लिया है व्यक्ति को निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए । राम रसपान करने से त्याग प्रेम और संयम की भावना जागृत होती है जिससे परिवार और समाज उन्नति करता है ।श्री राम कथा के आठवें दिन साध्वी राधिका किशोरी ने परिवार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सब को ईश्वर द्वारा प्राप्त परिवार के सभी सदस्यों का सम्मान करना चाहिए एक दूसरे के प्रति त्याग की भावना होनी चाहिए ।भरत जी को राज्य सुख प्राप्त होने के बाद भी अपने बड़े भाई प्रभु राम की चिंता रहती थी।कथा वाचिका ने अपने मार्मिक वर्णन में रामकथा के विभिन्न कांडों पर प्रकाश डाला। आलापुर क्षेत्र के लालमनपुर ऊँचेडीह स्थित श्री आदिशक्ति मां परमेश्वरी धाम पर हो रही नौ दिवसीय रामकथा कार्यक्रम में आलापुर विधायक अनीता कमल ,शैलेंद्र शुक्ला मार्केटिंग इंस्पेक्टर, जवाहिर दुबे, संतोष दुबे ,संगीता दुबे, बच्चू लाल भारती ,विवेक सिंह ,हरी प्रसाद पांडे, श्रीकांत मिश्र ,मनोज दुबे, रूद्र प्रताप ,सूर्य प्रकाश दुबे, हनुमान दुबे आदि लोगों के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।