पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
देश के छह बड़े हवाई अड्डों का निजीकरण किए जाने के बाद अब वाराणसी सहित कई अन्य हवाई अड्डों के निजीकरण के सरकार के फैसले से वाराणसी एयरपोर्ट पर कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी एक बार फिर लामबंद हो गए हैं।पदाधिकारियों ने बुधवार को दोपहर में एयरपोर्ट पर ढोल नगाड़ों के साथ रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।
एयरपोर्ट के निजीकरण का विरोध देशव्यापी रूप से एयरपोर्ट के अधिकारी और कर्मचारी कर रहे हैं। साथ ही साथ समय-समय पर धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर सरकार से उनके निजीकरण के फैसले को वापस लेने की मांग करते आ रहे हैं। हालांकि अब वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, रायपुर, भुनेश्वर और इंदौर एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला लिया गया है। प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय सहायक महासचिव रवि ने कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी इम्प्लाइज यूनियन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के हित के लिए सदैव लड़ता रहेगा। उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुधीर यादव ने कहा कि इस कोरोना काल जैसी वैश्विक महामारी में भी अपने जान को जोखिम में डालकर जिस प्रकार से सभी अधिकारी और कर्मचारी डटे रहे इसके बावजूद इस तरह की हठ कत्तई बर्दाश्त नही की जाएगी। यूनियन के स्थानीय लीडर सुभाष तिवारी ने कहा कि हमारे कर्मचारियों की मुख्य समस्या निजीकरण, कर्मचारियों के पीएलपी, पेंशन, लोन, ट्रांसफर, प्रमोशन, कन्फर्मेशन जैसी समस्याओं के लिए भी हम लड़ते रहेंगे आपने कहा कि अपने मुख्यालय के आदेश और पदाधिकारियों के नेतृत्व में निजीकरण का पुरजोर विरोध करते रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप मिश्रा ने किया। प्रदर्शन में यूनियन के समस्त पदाधिकारी और कर्मचारी भी शामिल रहे।