देहरादून: अपनी मांग को लेकर पिथौरागढ़ नर्सिंग कालेज की प्राचार्य डा. रेणु शर्मा गुरुवार देर शाम चंदरनगर स्थित चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठी। देर रात तक उन्होंने अपना विरोध जताया। डा. रेणु संविलियन में हुई गड़बड़ी को लेकर लंबे समय से अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं। एसोसिएट के बजाए उनका संविलियन असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कर दिया गया। उनका कहना है कि अधिकारी उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं हैं। जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती वह धरने पर बैठी रहेंगी।
डा. रेणु गुरुवार देर शाम करीब छह बजे पिथौरागढ़ से चिकित्सा शिक्षा निदेशालय पहुंची। वहां उन्होंने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डा. सी. रविशंकर से मुलाकात का समय मांगा। उनका कहना था कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक के आदेश के क्रम में उन्होंने एक दिसंबर 2018 को नवीन तैनाती स्थल पिथौरागढ़ में कार्यभार ग्रहण किया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सा शिक्षा विभाग में संविलियन के वक्त उन्हें जो पद दिया गया था वह उनकी योग्यता, अहर्ता और संविलियन नियमावली 2016 के अनुरूप नहीं था। जिसके लिए उन्होंने उसी समय अपना पद नाम असिस्टेंट के स्थान पर एसोसिएट प्रोफेसर करने का अनुरोध पत्र भेजा था, लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है।
उधर, महानिदेशक डा. सी. रविशंकर ने बताया कि 17 नवंबर को नर्सिंग कालेज के सभी कर्मियों की सेवा संबंधी विभिन्न मांगों पर सुनवाई के लिए बैठक रखी गई है। जबकि प्राचार्य डा. रेणु तत्काल उनका मामला सुनने को कह रही थी। पता लगा है कि बिना छुट्टी स्वीकृत कराए और बिना अनुमति के वह यहां पहुंची हैं, जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।