रिपोर्ट पदमाकर पाठक
शहर कांग्रेस कमेटी आज़मगढ़ ने मनाई पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती
आजमगढ़। 14शहर कांग्रेस कमेटी आज़मगढ़ नवंबर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू चाचा का जयंती समारोह शहर कांग्रेस कमेटी आज़मगढ़ कार्यालय पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नेहरू जी को याद करते हुवे एक घटना का जिक्र हुवा जब देश मे चीनी की कमी थी उस समय आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद गए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू जी से मिलने और यह शिकायत करने गए कि उन्हें चीनी नहीं मिल रही है । पंडित नेहरू समझ गए और नैनी जेल की याद आ गयी जहां दोनो बन्द रहे, इनमें आचार्य नरेंद्र देव भी रहे । पंडित नेहरू को आदत थी रात के खाने के बाद टहलने की और वापस आकर कॉफी बनाने की!मौलाना की भी एक आदत थी रात खाने के बाद चीनी जरूर फांकते थे!एक दिन मौलाना साहब के पास चीनी नहीं थी लेकिन पंडित नेहरू के अलमारी में चीनी थी पर उतनी ही जितनी मौलाना साहब को जरूरत थी। आचार्य नरेंद्र देव ने उकसा दिया कि आपको पहले जरूरत है फांक लीजिये बाद में देखा जयगा। मौलाना ने ज्यों चीनी मुंह में डाला, पंडित नेहरू घूम कर वापस आ गए। चीनी न देख पंडित नेहरू गुस्से में आ गए। किसने चीनी लिया ? सब लोग तो अपने बिस्तर पर बैठे मिले केवल एक बिस्तर ऐसा था जिसके मालिक चद्दर ओढ़ कर सो गए थे। पंडित नेहरू कुछ बोलते तब तक आचार्य ने बुद्ध के अपरिग्रह पर पंडित नेहरू से सवाल पूछ दिया।सब एक साथ ठहाके में डूब गए इसमें बन्द मुह में चीनी भरे मौलाना भी थे, उठे और आचार्य से हाथ मिलाया।
मौलाना ने जब चीनी की बात की तो पंडित नेहरू ने कहा यह महकमा हमारा नहीं है, रसदमंत्री रफी अहमद किदवई साहब हैं । हाँ हम इतनी मदद कर सकते हैं कि आपके साथ हम किदवई साहब के घर चल सकते हैं । किदवई साहब ने पंडित नेहरू के साथ मौलाना जी को देखा और देखते ही समझ गए मौलाना हमारी कोई शिकायत लेकर जरूर आये हैं । बैठते ही पंडित नेहरू ने कहा किदवई साहब ! हम लोग चाय पीने आये हैं । रफी साहब अंदर गए और वापस आये थोड़ी देर में चाय भी आ गयी, पहले ही घूंट पर मौलाना ने किदवई को तरेरा – इसमें तो चीनी है ही नही ? बगैर देर किए किदवई साहब ने जवाब दिया – मौलाना साहब ! पूरे बाजार से चीनी गायब है हम अलग से कहां से लाएं । पंडित नेहरू हँसे और दोनों उसमें शामिल हो गए । मित्र ! वो अभाव के दिन थे लेकिन सरकार अभाव पाटने के प्रति कटिबद्ध थी हंसी मजाक भी जिंदा रहा ये जिंदादिली अब खत्म है । पंडित नेहरू इस भारत के निर्माता हैं जहां सब को बराबर हक है अपने हक के साथ जीने का और राष्ट्र बनाने का ।
इस अवसर पर मोहम्मद नजम शमीम-अध्यक्ष कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का योगदान आजादी से लेकर अब तक नहीं भुलाया जा सकता उन्होंने अपनी सारी निजी संपत्ति को दान देकर भारत सरकार को चलाने का काम किया था!शहर अल्पसंख्यक अध्यक्ष बरकत उल्लाह बेग ने कहा कि पंडित नेहरू आजादी के आंदोलन में जेल में कई वर्षों तक रहे और उन्होंने वहीं से एक पुस्तक भी लिखी जो आज समाज में प्रासंगिक है संदीप कपूर ने कहा की चाचा पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे इसीलिए उनका नाम चाचा पंडित जवाहरलाल नेहरू पड़ा देश उनके द्वारा किए कार्यो को कभी भुला नहीं सकता। अंत मे शहर अध्यक्ष ने सबका अभिवादन करते हुवे सभा को समाप्त किया उक्त अवसर पर राजेश पटेल, जितेंदर कुमार, रेयाजुल हसन, सोनुप्रजापति, जावेद खान, मुशीर खान, शकील अहमद, मोहम्मद असलम, मनीष ठाकुर, मोहम्मद अबसार, धर्मेंद्र प्रजापति, मिर्ज़ा नदीम बारी, अफ़ज़ल अहमद, ज़ीशान अहमद, अनस बेग आदि लोग उपस्थित रहे!