पखवाड़े भर से जारी तहसीलदार कोर्ट का बहिष्कार हुआ बापस
रिपोर्ट :- अविनाश शाण्डिल्य ,कोंच
कोंच(जालौन) कोंच बारसंघ के अधिवक्ताओं और तहसीलदार के बीच पिछले पंद्रह दिन से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक में इस बात पर रजामंदी हो गई कि बार और बेंच के बीच परस्पर सहयोग से वादों का निस्तारण किया जाएगा और किसी भी वाद को अनावश्यक रूप से लटकाया नहीं जाएगा।
तहसीलदार नरेंद्र कुमार पर वकीलों के साथ अभद्रता करने और मुकदमों को अनावश्यक रूप से लटकाए रखने का आरोप लगाते हुए 15 दिन पूर्व बारसंघ के अधिवक्ताओं ने बैठक करके तहसीलदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और तभी से तहसीलदार कोर्ट का वकील बहिष्कार करते आ रहे थे। सोमवार को एसडीएम रामकुमार ने अच्छी पहल करते हुए तहसील सभागार में अपनी मध्यस्थता में तहसीलदार और अधिवक्ताओं को बुला कर दोनों पक्षों के बीच चली आ रही तनातनी को समाप्त करा दिया। हालांकि इस दौरान वकीलों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली और तहसीलदार के काम करने के तरीकों में तमाम खामियां निकालीं जिन पर तहसीलदार ने भी अपनी सफाई देने की कोशिश की। अंत में तय हुआ कि तहसीलदार बिना किसी बैधानिक कारण के वादों को अनावश्यक रूप से नहीं लटकाएंगें और वकीलों के साथ सौहार्द पूर्ण वातावरण में सहयोग करते हुए काम करेंगे। एसडीएम रामकुमार ने कहा कि बार और बेंच एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं, एक भी पहिया गड़बड़ हुआ तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकेगी। अगर दोनों के बीच किसी बात को लेकर कोई गलतफहमी है तो परस्पर संवाद करके उसे दूर किया जा सकता है। इस दौरान बारसंघ अध्यक्ष संजीव तिवारी, महामंत्री वीरेंद्र जाटव, कमलेश चोपड़ा, श्रीराम गुप्ता, पीडी रिछारिया, अवधेश द्विवेदी, मोहम्मद अफजाल खान, राकेश तिवारी, विनोद अग्निहोत्री, तेजराम जाटव, हल्के सिंह बघेल, अशोक अरजरिया, शौकत अली, मनोज दूरवार, दिनेश तिवारी, ओपी अग्रवाल, हरी सिंह निरंजन, रामनरेश त्रिपाठी, योगेंद्र अरूसिया, अवधेश नगाइच, कुलदीप सौनकिया, भानु जाटव, रामबाबू निरंजन, देवेंद्र वर्मा, रामशरण कुशवाहा, संतोष खरे, नवलकिशोर जाटव आदि मौजूद रहे।