श्रीनगर: उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित कमलेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को बैकुंठ चतुर्दशी पर्व शुरू हो गया है। आज यहां परंपरा के अनुसार लोग भगवान शिव को रुई की 365 बाती चढ़ाते हैं। सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
आज शाम से खड़ा दीया अनुष्ठान
वहीं इसके बाद कमलेश्वर महादेव में बैकुंठ चतुर्दशी के पर्व पर आज शाम से खड़ा दीया अनुष्ठान शुरू हो जाएगा।
अनुष्ठान में 182 दंपती संतान कामना के लिए खड़ा दीया करेंगे। मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि 182 दंपतियों ने खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण करवाया है। दंपतियों को गोधुलि वेला में पूजा करने के बाद दीपक दिए जाएंगे। 18 नवंबर की तड़के स्नान और पूजा के पश्चात श्रीसंवाद दिया जाएगा।
बैकुंठ चतुर्दशी बुधवार सुबह नौ बजे से गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे तक रहेगी। इस दौरान पूजाएं होंगी। मंदिर में परिवार की खुशहाली के लिए रुई की बत्तियां भी भगवान शिव को अर्पित की जाएगी। इसमें पूरे साल के हिसाब से 356 बत्तियां चढ़ाई जाती हैं। महंत ने बताया कि हर साल सरकार और पालिका की ओर से मंदिर को सजाया जाता है। लेकिन इस बार कोई मदद नहीं की गई है। जिससे भक्तगण निराश हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय कोषाध्यक्ष मोहन काला की ओर से कमलेश्वर महादेव मंदिर मेें सहस्र कमल पूजन, भजन संध्या एवं भंडारे का आयोजन किया जाएगा। बुधवार रात आठ बजे से जन कल्याण के लिए एक हजार ब्रह्म कमल चढ़ाए जाएंगे। रात 9 बजे से भजन एवं जागरण होगा। 18 नवंबर की सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक भंडारा चलेगा।
इस बार बैकुंठ चतुर्दशी मेला सिर्फ एक दिन का ही हो रहा है। इसमें भी कमलेश्वर महादेव मंदिर के समीप सीतापुर नेत्र चिकित्सालय के मैदान में भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय कलाकार प्रस्तुति देंगे। भजन संध्या का आयोजन पालिकाध्यक्ष पूनम तिवाड़ी अपने निजी संसाधनों से वहन करेंगी। तिवाड़ी ने सरकार व प्रशासन पर बैकुंठ चतुर्दशी मेले के आयोजन में सहयोग न करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि पहे पांच दिवसीय मेले की संस्तुति की गई थी। इसके अगले दिन 12 नवंबर को शहर के प्रबुद्धजनों, पांच नपा सभासदों, एसडीएम, सीओ व पालिका के अधिशासी अधिकारी के साथ बैठक हुई। इसमें सभी ने 17 नवंबर से बैकुंठ चतुर्दशी से पांच दिवसीय मेले के आयोजन पर सहमति जताई। लेकिन इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई सहयोग नहीं किया।