देव गुरु बृहस्पति की आराधना करने वाले व्यक्ति को गम्भीर संकटों का सामना नही करना पड़ता : पण्डित अंकित दुबे।
सेंट्रल डेस्क – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जाने कुंडली के हर भाव मे देवगुरु बृहस्पति का असर ।
मध्यप्रदेश उज्जैन :- अवन्तिकापुरी मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं अंकित दुबे ने जन्मकुण्डली में देव गुरु बृहस्पति के फलादेश के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है। सप्ताह में इनका दिन बृहस्पतिवार माना गया है। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह की कुंडली मे स्थित 12 भावो पर अलग अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रयत्क्ष जीवन पर भी पड़ता है । यह एक शुभ ग्रह है अतः जातको को इसके शुभ फल प्राप्त होते है।
पं अंकित दुबे के अनुसार गुरु घनु और मीन राशि का स्वामी है ओर कर्क इसकी उच्च राशि है। जबकि मकर इसकी नीच राशि मानी जाती है। गुरु ज्ञान,शिक्षक, सन्तान,बड़े भाई, शिक्षा,धार्मिक कार्य,धन,दान,पूण्य,और वृद्धि आदि का कारक होता है।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु , विशाखा ,और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है , इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर तो चलता ही है साथ ही गुरु की पूजन करने से धन धान्य , उच्च पद व संतान इत्यादि से परिपूर्ण रहता है ।
ज्योतिषाचार्य तीर्थपुरोहित पं अंकित दुबे दूरभाष 6266634310, मध्यप्रदेश।