तेरापंथ भवन में साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभाजी ठाणा 4 का मंगल भावना समारोह रखा गया
फारबिसगंज
तेरापंथ भवन में साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभाजी ठाणा 4 का मंगल भावना समारोह रखा गया। सनद रहे कि मंगल भावना समारोह तब मनाया जाता है जब चातुर्मास पूर्ण हो जाता है। चातुर्मास की पूर्णता के पश्चात किसी भी साधु को एक स्थान पर रहना नहीं कल्पता है। 4 महीनों की अथक परिश्रम के बाद जन-जन में चेतना का संचार करते हुए फारबिसगंज की धरती पर तप जप के बीज वपन करके, पूरी धरा को मंत्रों से उर्जा प्रदान करके, साध्वी वृंद का यह प्रवास कार्तिक शुक्ला पूर्णिमा के दिन पूरा हो गया। फारबिसगंज के तेरापंथ समाज ने विदाई की घड़ियों को मंगल भावना के रूप में मनाया। 4 महीनों के इस प्रवास में फारबिसगंज वासियों ने साध्वी वृंद के सेवा और दर्शन का बहुत लाभ उठाया इस अवसर पर वृहद मंगल भावना कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो नेपाल और बिहार स्तर का कार्यक्रम सिद्ध हुआ ।इस अवसर पर नेपाल और बिहार के अनेक क्षेत्र के पदाधिकारी और सदस्य गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण के साथ हुई जिसमें कार्यक्रम को मंगलमय बनाते हुए ललित डागा, दीपक समदरिया तथा युवक परिषद के सदस्यों ने अपने मंगल स्वरों से पूरा वातावरण गुंजा दिया तत्पश्चात कार्यक्रम में बाहर से पधारे हुए सभी अतिथि गण का स्वागत किया गया। ज्ञानशाला के बच्चों ने साध्वी वृंद का रूप बनाकर के उनके गुण को जनता के सामने प्रदर्शित किया । तत्पश्चात नेपाल बिहार तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकरण दफ्तरी ने अपने विचार रखे और कहा की फारबिसगंज का या चातुर्मास ऐतिहासिक रहा और सन 2021 का यह चातुर्मास हर दृष्टि से 21 रहा और अपने तथा अपने पूरी टीम के द्वारा हुए अविनय की उन्होंने क्षमा याचना भी की मंगल भावना के इस अवसर पर बिहार प्रभारी नेमचंद जी वैद्य ने साध्वी वृंद के विहार की मंगल कामना की और जाने अनजाने हुए भूलों के प्रति खमत खामना भी की। बिहार नेपाल तेरापंथी सभा के मंत्री चैन रूप जी ने कहा की साध्वी श्री बहुत ही सरल मृदु और ज्ञानी है तथा पूरा सिंघाड़ा सरल मना है। ऐसी विदुषी साध्वीयां धर्म संघ की प्रभावना आगे से आगे करती रहें तथा अपने जीवन में प्रगति के शिखर पर आरोहण करती रहे। फारबिसगंज सभा के अध्यक्ष निर्मल जी मरोठी ने कहा कि 4 महीनों के बाद आज ऐसा लग रहा है कि अब तेरापंथ भवन का प्रांगण सुना हो जाएगा । 4 महीने अध्यात्म किलो अनवरत रूप से इस तेरापंथ भवन में जलती रही अब इस लौ की रोशनी कुछ कम हो जाएगी। चातुर्मास में हुए पूरे कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए सभा के अध्यक्ष ने अपनी पूरी टीम तथा जुड़े हुए पूरे समाज को धन्यवाद दिया ।इस अवसर पर कन्या मंडल की बहनों ने पूरे 4 महीने के कार्यक्रमों का लेखा-जोखा दिया और नए रूप में अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने अपने सहज मनोभाव को साध्वी वृंद के समक्ष रखा। महिला मंडल की बहनों ने 9 मंगल भावनाओं के साथ साध्वी वृंद को भावित किया ।महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती कुसुम भंसाली ने कहा कि इस बार महिला मंडल का काम साध्वी श्री जी के सानिध्य के कारण बहुत ही सुंदर हुआ जप तप और ध्यान की गंगा बही। बच्चों ने सीखने का क्रम भी जारी रखा ।भक्तामर, 25 बोल जैसी महत्वपूर्ण कृति याद करने में बच्चों, कन्याओं और महिलाओं ने रुचि दिखाई। इस मौके पर नए तरीके से यादों की गैलरी बनाई गई जिसमें पूरे चातुर्मास का सीन दिखाया गया। प्रोजेक्टर की मदद से हर वह लम्हा कैद किया गया जो श्रावक समाज के लिए ही नहीं अपितु साध्वी श्री जी के भी के हृदय को छू गया।तत्पश्चात महिला मंडल की मंत्री समता दुग्गड ने अपनी मंगल भावनाएं सतीवर को प्रदान की। पटना से समागत पारस जी जैन ने पटना पधारने की पुरजोर अर्ज की। निर्मली से उपासक नवरत्न बैंगानी ने विराटनगर के पश्चात अपने क्षेत्र में पधारने का निवेदन किया। कार्यक्रम में दीपक समदरिया ने विदाई गीत गाकर पूरा माहौल मंगल भावनाओं से भर दिया। सभा के मंत्री सुमन जी डागा ने कहा कि यह चौमासा 21 रहा इस चौमासे में बहुत सारी उपलब्धियां प्राप्त हुई और हर दृष्टि से यह चातुर्मास सफलतम चातुर्मास सिद्ध हुआ। कोषाध्यक्ष बंटी राखेचा ने 21 जून की सेवा से लेकर 20 नवंबर की सेवा तक अपने संस्करणों का जिक्र किया तथा आगामी विहार हेतु अपनी मंगलकामनाएं साध्वी श्री जी को प्रेषित की। मंगल भावना के इस शुभ अवसर पर सभी साध्वीओं ने अपने विचार रखे। इस क्रम में सर्वप्रथम साध्वी दीप्ति यशाजी ने कहा की 4 महीनों में फारबिसगंज वासियों ने इस प्रवास का लाभ उठाया और जप तप आदि के क्रम में अपने आप को जोड़ा। साध्वी सुधा कुमारी जी ने अपने बुलंद स्वरों से पुनः एक बार तेरापंथ भवन का प्रांगण गुंजा दिया। साध्वी श्री भावना श्री जी ने कहा की फारबिसगंज से विहार के पश्चात हर श्रावक अध्यात्म के साथ वैसे ही जुड़ा रहे जैसा वह चातुर्मास के साथ जुड़ा रहा अपने आप को अच्छे विचारों अच्छी भावना से ओतप्रोत करें इस बात की उन्होंने प्रेरणा दी। अंत में साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि 4 महीनों में फारबिसगंज के श्रावक ओं ने जो कुछ पाया वह संजो कर रखना है तथा उसे उत्तरोत्तर आगे बढ़ाना है जप तप और स्वाध्याय से आत्मा को जोड़ना है तथा समय-समय पर दर्शन और सेवा का लाभ भी लेना है ।पूरे श्रावक समाज ज्ञानशाला कन्या मंडल महिला मंडल युवक परिषद नेपाल बिहार तेरापंथी सभा स्थानीय तेरापंथी सभा आदि सभी से खमत खामना करते हुए उन्होंने सबके प्रति अपने मंगलकामनाएं प्रकट की।