संपूर्ण टीकाकरण से नहीं होगा निमोनिया -डीआईओ
कन्नौज । प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। सर्दी के मौसम में निमोनिया के मामले ज्यादा आते हैं। इस बीमारी से 5 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। ऐसे में शिशुओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ पोषण युक्त खाना देना बहुत जरूरी है यह कहना है जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ रमेश चंद्रा का
डा.चन्द्रा ने बताया कि निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी हैं। बैक्टीरिया,वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है आमतौर पर बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया होता है। लेकिन 5 साल से छोटे बच्चों व 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए निमोनिया का असर जल्द होता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी हैं। न्यूमोकांकल कान्जुगेट वैक्सीन यानि (पीसीवी) निमोनिया, सेप्टिसीमिया,मैंनिजाइटिस या दिमागी बुखार से बचाव करता है। वहीं निमोनिया को दूर रखने के लिए व्यक्तिगत साफ-सफाई जरूरी है। छींकते- खासतें समय मुंह और नाक को ढ़क लें। समय-समय पर बच्चों के हाथ भी धोना चाहिए। बच्चों को प्रदूषण से बचाएं। बच्चा छह महीने से कम का हैं तो नियमित रूप से स्तनपान कराएं। भीड़-भाड़ वाली जगह से भी बच्चों को दूर रखें क्योंकि ऐसी जगह पर संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है।
निमोनिया के लक्षण
सूखी खांसी आना, सांस लेने की गति बढ़ जाना, पीठ के बल लेटने में दिक्कत होना, तेज बुखार, छाती में दर्द, पसीना आना, अधिक पेशाब आना, सिरदर्द, प्यास अधिक लगना, फेफड़ों में सूजन आना, नाड़ी की गति बढ़ना, बलगम के साथ खून आना, भूख कम लगना, कमजोरी महसूस होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
कोरोना काल में इन बातों का रखें ख्याल
कोरोना काल में बच्चों को निमोनिया से बचाना जरूरी है। ठीक उसी प्रकार कोरोना संक्रमण से बचाव करना भी अभिभावकों की जिम्मेदारी हैं।
संक्रमण से बचाव के लिए कोविड -19 के इन नियमों का पालन करना जरूरी हैं।
- बिना मास्क घर से बाहर न निकलें
-अस्पताल में टीका दिलाते समय शारीरिक दूरी का पालन करें।
-टीका दिलाते समय बच्चे को अपनी गोद में रखें।
-छोटे बच्चों को नियमित रूप से समय-समय पर हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।
-घर से बाहर से आने वाले लोगों से बच्चों को दूर रखें।