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कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने किया प्राणिशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक की पुस्तिका का विमोचन।
कुरुक्षेत्र, 7 दिसम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि हरियाणा के पक्षी विज्ञान का डॉक्यूमेंटेशन व पक्षीय जैवविविधता का संकलन समय की सबसे बड़ी जरूरत है। वे मंगलवार को प्राणिशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर की पुस्तक ‘कोमन बर्ड्स ऑफ छिलछिला वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी हरियाणा इंडिया’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हरियाणा के वन्य जीवन पर बहुत कम शोध कार्य हुआ है। इसका मुख्य कारण एनिमल पोटेंशियल व फॉरेस्ट पोटेंशियल का कम होना है। हरियाणा जैसे राज्य में संरक्षित व गैर-संरक्षित क्षेत्रों में पक्षियों की विविधता के बारे में गुणवत्तापरक शोध कार्य का क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसी दिशा में यह पुस्तक आने वाले समय में भी संकलन, शोध, डाक्यूमेंटेशन व मॉनिटरिंग के अहम पहलुओं में सहायक सिद्ध होगी। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने डॉ. दीपक राय बब्बर व उनकी पूरी टीम को इस पुस्तक के लेखन के लिए बधाई दी।पुस्तक के लेखक व प्राणिशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि यह पुस्तक एक अच्छे रिसर्च डिजाइन के साथ पक्षियों की विविधता व निरीक्षण के उद्देश्य से लिखी गई है। यह पुस्तक प्राणिशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ-साथ आम विद्यार्थी व पाठक में भी पक्षियों के प्रति जिज्ञासा पैदा करेगी। इस पुस्तक में विभाग के दो शोध छात्रों कुमारी विनीता, पीयूष गोयल तथा एक पूर्व छात्र गौरव गर्ग ने व्यवस्थित रूप से छिलछिला बर्ड सैंक्चुअरी के कॉमन पक्षियों की प्रजातियों के डाटा का संकलन करने में अहम भूमिका निभाई है। इस तरह के शोध कार्यों से हम हरियाणा के पक्षी विविधता वाले बहुल क्षेत्रों को चिन्हित करके एक रिकॉर्ड के रूप में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 1986 में संरक्षित छिलछिला बर्ड सैंक्चुअरी को एक व्यापक स्तर पर संरक्षित करने के लिए सामाजिक तौर पर हम सब मिलकर कदम उठा सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. परमजीत, डॉ. पूनम भारद्वाज, कुमारी विनीता व पियूष गोयल उपस्थित थे।