कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न संबंधी प्रावधान के प्रति जागरूकता लाने के लिए गुरुवार को आकाशवाणी पूर्णिया में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आकाशवाणी पूर्णिया के कर्मचारियों, अधिकारियों व प्रसारण से जुड़े तमाम लोगों के साथ साथ पूर्णिया प्रेस क्लब के अध्यक्ष नंदकिशोर नंदू, वरिष्ठ पत्रकार भूषण कुमार सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया से जुड़े लोग उपस्थित थे। इस आयोजन में महिला कर्मियों ने भी बढ़चढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सबसे पहले उपस्थित लोगों ने बुधवार को हेलीकॉप्टर क्रेश में शहीद हुए तीनो भारतीय सेना के प्रमुख विपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी व सेना के ग्यारह जवानों को उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात निर्धारित विषयक कार्यशाला में सबसे पहले कार्यस्थल पर यौन हिंसा की परिभाषा को लोगों के बीच रखा गया। इसके पश्चात अनेक लोगों ने अपने अपने विचार और अनुभवों को साझा किया। आकाशवाणी पूर्णिया के अभियंत्रण प्रमुख जावेद अंजुम ने ज़िक्र करते हुए कहा कि पूर्णिया आकाशवाणी का माहौल बिल्कुल स्वस्थ और स्वच्छ रहा है यहाँ कभी भी ऐसी किसी तरह की कोई घटना सामने नहीं आयी है जो हमसब के लिए गर्व का विषय है। वहीं आकाशवाणी पूर्णिया के कार्यकम प्रधान डॉ0 प्रभात नारायण झा ने महिलाओं के साथ यौन हिंसा के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि नो का मतलब नो होता है इसलिए हमारी बहने और बेटियाँ हर उस गतिविधि को नो कहने की हिम्मत रखें और सामनेवाले शख्स को नो बोलें जो यौन हिंसा के तहत आती हैं। आगे उन्होंने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के आलोक में उन्होंने भी पूर्णिया आकाशवाणी कार्यालय में महिला यौन उत्पीड़न से बचाव व सुनवाई के लिए एक निगरानी कमिटी बनाई थी लेकिन कभी भी इस कमिटी में कोई मामला नहीं आया जो सुखद है। वहीं पूर्णिया प्रेस क्लब के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह ने कहा कि हम जिस तरह का आचरण अपने घर में माँ, बेटियों के साथ रखते हैं वही आचरण सर्वदा रखने की जरूरत है क्योंकि बाहर भी किसी काम से अपने घरों से निकलनेवाली महिलाएं किसी की बहन होतीं है किसी की बेटी होती है इसलियेअपने आचरण की शुद्धता जरूरी है। वहीं वरिष्ठ उद्घोषिका राजश्री ने अपने घरों में बच्चों को अच्छे संस्कार देने और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने की बात कही। इन सबके अलावा मनोज कुमार सिन्हा, अरुण सिन्हा, मनीष ठाकुर, शिवाजी झा, सुषमा कुमारी, सुप्रिया शांडिल्य, सत्येन्द्र सिन्हा आदि ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन शिवाजी झा ने किया। आयोजन की जानकारी देते हुए डॉ0 पी. एन. झा ने बताया कि महानिदेशालय से प्राप्त निर्देश के आलोक में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह एक जागरूकता कार्यक्रम था जिसके तहत कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न सम्बन्धी प्रावधान (बचाव, निषेध और उपचार) के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
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