आजमगढ़ : दीवानी न्यायालय में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 43297 मुकदमों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया। इससे पहले दीवानी न्यायालय की हाल ऑफ जस्टिस में जनपद न्यायाधीश दिनेश चंद तथा प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश लालता प्रसाद ने देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत की विधिवत शुरुआत की।इस अवसर पर जिला जज दिनेश चंद्र ने कहा कि लोक अदालत में निपटाए गए मुकदमों में किसी पक्ष की हार नहीं होती बल्कि मुकदमे की न्याय शुल्क भी वापस हो जाता है। इस लोक अदालत की खास बात यह रही कि पारिवारिक न्यायाधीश के सुलह समझौते के आग्रह पर तीस जोड़ों ने फिर से एक साथ रहने का मन बनाया और शनिवार को लोक अदालत के दिन जिला न्यायधीश व पारिवारिक न्यायाधीश के समक्ष पुनः एक दूसरे को माला पहनाकर फिर से घर जाने को तैयार हो गए। इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के 22 मुकदमों का निस्तारण किया गया और पीड़ितों को छतिपूर्ति दिलाने के आदेश दिए गए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यशवंत सरोज ने 2081 मुकदमों का निस्तारण कर 197400 रुपये का अर्थदण्ड वसूला। विभिन्न बैंकों की प्री लिटिगेशन लोक अदालत में 1518मुकदमों का निस्तारण करते हुए 34245000 रुपये का समझौता किया गया। इस लोक अदालत में अपर जिला जज बी डी भारती ओ पी वर्मा, जैनेंद्र कुमार पांडेय आदि न्यायिक अधिकारियों ने अपने-अपने अदालतों में मुकदमों का निस्तारण किया। लोक अदालत के कार्यक्रम का संचालन विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनीता ने किया।
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