आयुष विश्वविद्यालय के रिसर्च व इनोवेशन विभाग में यूनिवर्सल एक्सट्रेक्शन सिस्टम का डीजी आयुष साकेत कुमार ने किया उद्घाटन

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

देश में नेसले इंडिया के बाद विश्वविद्यालय स्तर पर दूसरा मॉडल आयुष विवि की लैब में किया गया इंस्टॉल।

कुरुक्षेत्र :- यूनिवर्सल एक्सट्रेक्टर सिस्टम का रविवार को महानिदेशक आयुष हरियाणा साकेत कुमार ने उद्घाटन किया। यह इंस्टूमेंट देश में नेसले इंडिया के बाद विश्वविद्यालय स्तर पर दूसरा मॉडल है। यूनिवर्सल एक्सट्रेक्शन सिस्टम में एक बार ऑर्गेनिक, वाटर द्वारा पांच अलग – अलग प्रकार की विधियों से आयुर्वेदिक ड्रग्स और फार्मुलेशन का एक्सट्रेक्शन किया जाता है। साकेत कुमार ने विश्वविद्यालय के कार्यों को सराहनीय बताते हुए कहा कि आयुर्वेद में शोध कार्यों को प्राथमिकता के साथ उच्च स्तर रिसर्च जनरलों में प्रकाशित किये जाने की आवश्यकता है। आयुर्वेद में शोध व नवाचार को अपनाया जाए तो निश्चित रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली जन-जन तक पहुंचेगी और लोगों में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के लिए विश्वास बढ़ेगा।
इस दौरान आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि ड्रग्स डिस्कवरी, क्लीनिकल रिसर्च व लिटरेरी विषयों में विश्व स्तरीय शोध कार्य विश्वविद्यालय में शुरू किया गया है। आने वाले वक्त में शोध व नवाचार की बड़ी भूमिका रहने वाली है। जिसको पूरा करने के लिए आयुष विवि ने शोध एवं नवाचार विभाग की स्थापना की है। यह विभाग आयुष चिकित्सा प्रणाली के सभी अंगों को प्रमाणिकता प्रदान करेगा। शोध एवं नवाचार विभाग के डायरेक्टर डॉ. अनिल शर्मा ने लैब में चल रहे शोध कार्यों के बारे में डीजी आयुष साकेत कुमार को जानकारी दी। नेचुरल प्रोडक्ट एवं मेडिसिन केमिस्ट्री से डॉ. रजनीकांत ने यूनिवर्सल एक्सट्रेक्ट सिस्टम की विशेषताओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस मशीन को स्वीटजरलैंड से आयात किया गया है। देश में केवल नेसले इंडिया शोध विभाग के पास ये मशीन है। दूसरा सिस्टम विश्वविद्यालय की लैब में इंस्टॉल किया गया है। इस मशीन में एक बार में छः आयुर्वेदिक ड्रग्स और फार्मुलेशन का एक्सट्रेक्ट किया जा सकता है। इस मशीन के द्वारा आयुर्वेदिक औषधियों का एक्ट्रेकशन बैंक बनाया जाएगा। जिसमें सभी आयुर्वेदिक ड्रग्स और फार्मूलेशन के एक्सट्रैट्स को शोध कार्यों के लिए माइनस 70 डिग्री पर संग्रहित कर रखे जाएंगे। उनके समय अनुसार नए फार्मूलेशन बनाने के लिए व अन्य बीमारियों के उपचार हेतु प्रभाव क्षमता को अलग-अलग बीमारियों में देखने के लिए उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर डीन एकेडमिक आशीष मेहता, कुलसचिव नरेश भार्गव, डॉ. अनिल शर्मा, प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. मनीष सैनी व विश्वविद्यालय का शैशिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी मौजूद रहे।

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