दो-दो चीनी मिले खुली उसके बाद भी बढ़ने के बजाए कैसे घट गया रकबा
2019-20 में 136 लाख हेक्टेयर बोया गया था गन्ना, 2020-21 में 121 लाख हेक्टेयर हुआ
विस्तार
उत्तर प्रदेश के मुंडेरवा और पिपराइच में दो नई चीनी मिलें खुलने के बाद भी पिछले साल की तुलना में इस साल गन्ना उत्पादन का रकबा घटने को कमिश्नर ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए गन्ना, कृषि और सिंचाई विभाग के अफसरों की कमेटी से रकबा घटने की वजह और इसे बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए, इसपर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
कमिश्नर जयंत नार्लिकर शनिवार को एनेक्सी भवन सभागार में गन्ना मूल्य के भुगतान एवं पेराई की समीक्षा कर रहे थे। दरअसल गोरखपुर मंडल में वर्ष 2019-20 में गन्ना का क्षेत्रफल 136 लाख हेक्टेयर था। वर्ष 2020-21 में यह 121 लाख हेक्टेयर रह गया है।
बैठक में कमिश्नर ने इसी पर सवाल पूछते हुए कहा कि मुंडेरवा और पिपराइच में जब दो नई चीनी मिलों का संचालन शुरू हुआ तो रकबा बढ़ना चाहिए था। मगर यह घट गया। बैठक में यह आंकड़ा सामने आया कि देवरिया में 23 फीसदी गन्ना का रकबा कम हुआ है।
महराजगंज जिले में वित्त वर्ष 2019-20 में 18636 हेक्टेयर गन्ना बोया गया था, लेकिन वर्ष 2020-21 में घटकर 16500 रह गया। इस पर कमिश्नर ने कड़ी आपत्ति दर्ज की। अधिकारियों ने बताया कि जलभराव और बारिश ज्यादा होने के कारण गन्ना का रकबा प्रभावित हुआ। कमिश्नर ने इस दलील को सही नहीं बताया। निर्देश दिए कि जल जमाव वाले क्षेत्रों में गन्ने की फसल के उत्पादन के लिए मनरेगा के तहत क्या क्या कार्य हो सकते हैं, उसकी पूरी रिपोर्ट दें