आजमगढ़। पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली को देख जनपदवासी उनके कायल हो चुके हैं। कारण की फरियाद लेकर घूमने वाले पीड़ित अब थानों में होने वाली सुनवाई को देख आश्चर्यचकित हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक की हनक वर्दी वालों पर भी भारी पड़ रही है। कारण की एसपी अनुराग आर्य अब खुद फरियादियों की शिकायत की मानीटरिंग करने लगे हैं। इस बात का प्रमाण सोमवार को देखने को मिला, जब पुलिस अधीक्षक ने आपराधिक मामलों में पुलिस को पक्षपात करते हुए पाया और जिले के एक निरीक्षक व एक उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
निलंबन की कार्रवाई फूलपुर कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र कुमार पांडेय के खिलाफ हुई। जिन्होंने मारपीट में घायल का मेडिकल कराने की जगह इस मामले में एक आरोपी के खिलाफ शांति भंग की धारा 151 के तहत कार्रवाई कर हमलावर पक्ष को लाभ पहुंचाने का कार्य किया। वहीं बिलरियागंज थाने पर तैनात उपनिरीक्षक कन्हैयालाल मौर्य पर आरोप है कि उन्होंने मारपीट के मामले में छेड़खानी का मामला दबाते हुए दो आरोपियों के नामजदगी को गलत साबित करने का प्रयास किया। इस मामले में छेड़खानी की शिकार हुई पीड़िता का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज नहीं कराया गया। इन दोनों मामलों में दोषी पाए गए दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एसपी ने निलंबन की कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
बाइट अनुराग आर्य पुलिस अधीक्षक