भाजयुमो ने अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया
फारबिसगंज (अररिया)
मौत की उमर ही क्या ? दो पल भी नहीं जिंदगी सिलसिला, आज कल की नही में जी भर जिया, में में मन से मरूँ लौट कर आऊँगा, कूच से क्यू डरूँ। कविता की इस पंक्ति का स्मरण करते हुए राजनीति के शिखर पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धये अटल बिहारी वाजपेयी के 97वीं जयंती को भाजयुमो ने सुशासन दिवस के रूप
में मनाया। इस मौके पर बुथ संख्या 156 के भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने भाजयुमो आईटीसेल के क्षेत्रीय संयोजक अभिषेक मेहता की अध्यक्षता व भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार की उपस्तिथि में नरपतगंज डुमरिया पंचयात के सीएससी सेंटर पर आयोजित जयंती समारोह में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि अटल जी एक व्यक्ति नही बल्कि एक विचार है और उनका जीवन एक संस्कार है। जिन्होंने भारत को विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर विचारधारा-सिद्धांतों व आदर्श पर आधारित अपनी राजनीति व राष्ट्र समर्पित जीवन से भारत में विकास, गरीब कल्याण और सुशासन के युग की शुरुआत कर जन-जन के प्रिय हो गये। कहा कि अटल जी की कर्तव्यनिष्ठा व राष्ट्र सेवा हमारे लिये सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेगी। इस मौके पर आईटीसेल संयोजक अभिषेक मेहता, वार्ड सदस्य ललन मंडल, कपिल भारती, अजय पासवान सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि महामना अटलजी भाजपा के पितृ पुरुष थे जो युगों युगों तक पार्टी कार्यकर्ताओं के पथ प्रदर्शक और प्रेरणास्रोत बने रहेंगें। इस अवसर पर अशोक दास, वीरेंद्र मेहता, भूपेश शर्मा, बमबम कुमार, रौशन कुमार, अनिरुद्ध पासवान, मो0 समसेनुर, नशीरुद्दीन, मासूम अंसारी, राहुल, रामेश्वर पासवान, कुमार सावन सौरभ सहित अनेकों कार्यकर्ता गणमान्य नागरिक मौजूद थे।