लालकुआं लीज भूमि ब्रेकिंग
लालकुआं वासियों के लिए खुशखबरी, मालिकाना हक का शासनादेश नवम्बर 2020 में हो चुका है जारी,
जफर अंसारी
मगर लीज निरस्त एवं लीज समाप्ति भूमि पर काबिज लोगों की वजह से लालकुआं वासियों को मालिकाना हक के मामले में आ सकती हैं अड़चने,
वर्ष 2010 में तत्कालीन तहसीलदार लालकुआं द्वारा जिलाधिकारी नैनीताल को प्रेषित एक रिपोर्ट में लीज निरस्त भूमि पर राजस्व विभाग का कागजों में दिखाया गया है कब्जा,
तहसीलदार लालकुआं की 2010 में की गई सर्वे रिपोर्ट के बावजूद भी बंदोबस्ती विभाग द्वारा वर्ष 2008 में दर्शाया गया है लीज निरस्त भूमि पर कब्जाधारियों का कब्जा, इसी आधार पर लीज भूमि पर मालिकाना हक लेने की फिराक में है कब्जाधारी,
तत्कालीन शिक्षा मंत्री के लीज निरस्त भूमि को नियमितीकरण करने के संबंध में जारी किए गए पत्र में तहसीलदार की रिपोर्ट में माना गया कि नहीं हो सकता है उक्त भूमि का नियमितीकरण, लीज नवीनीकरण है संभव,
तत्कालीन उप जिलाधिकारी ने लीज निरस्त भूमि पर अपनी देखरेख में लगाया था वाहन पार्किंग का बोर्ड, मगर तहसीलदार की रिपोर्ट में दस्तावेजों में नहीं है मौके पर कोई वाहन पार्किंग,
2020 में जारी हुए शासनादेश की आड़ में राजस्व विभाग की करोड़ों की लीज भूमि पर अवैध रूप से रजिस्ट्री करने के फिराक में है कब्जाधारी,
लालकुआं में ग्राम सभा एवं टाउन एरिया गठित होने के बाद लगभग 25 हेक्टेयर से अधिक भूमि को किया गया था डिफॉरेस्ट,
वही नए शासनादेश के अनुसार 52 हेक्टेयर से अधिक भूमि की जा रही विनियमितीकरण,
जीरो टॉलरेंस की त्रिवेंद्र सरकार को लगाया जा रहा है करोड़ों के राजस्व का चूना,
इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश भी हुए हैं बेअसर,
आखिर किसकी मिलीभगत से हुआ है ये बड़ा खेल अब कोर्ट करेगा फैसला।