मध्य प्रदेश //रीवा जीवन में संकल्प लीजिए अशुभ को छोड शुभ को आमंत्रित कीजिएः पंडित मेहता मानस भवन में चल रही भागवत कथा
ब्यूरो चीफ// राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश…8889284934
रीवा। मानस भवन में समाजसेवी एवं अध्यक्ष श्री अनुपम तिवारी द्वारा अपने बैकुंठ वासी पिता जी की वार्षिक पुण्य तिथि पर आयोजित की गई श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार के दिन अंतर्राष्ट्रीय संत पंडित विजय शंकर मेहता ने आए श्रद्धालुओं को संकल्प लेकर जीवन को सफल बनाने का सूत्र देते हुए कहा कि आज कोई न कोई संकल्प जरूर लीजिए अशुभ को छोड़ शुभ को आमंत्रित कीजिए। उन्होंने कहा कि खुश रहना हम सब का जन्म सिद्ध अधिकार है। मनुष्य का शरीर मिला है तो संकट आए तो भागना नही,ं भागवत हमें यही सिखाती है।
तैयार हो जाइए आत्मविश्वास मन में भर के,तैयारी ऐसे कि पहले आंधियों को न्योता दिया जाएगा फिर चिराग रोशन किया जाएगा । अपने कहा नसीब से मुस्कुराना मिलता है जिंदगी में परेशानी किसी की खत्म नहीं होती एक खत्म होगी तो दूसरी उत्पन्न होगी लेकिन संकल्प और दृढ़ता के साथ परेशानी का सामना कीजिए जीवन सफल होगा। उन्होंने कहा कि संकल्प ले की प्रातः समय पर उठेंगे, प्रतिदिन नियमित समय पर पूजा करेंगे। अनावश्यक नहीं बोलेंगे जिस जिव्हा में मां सरस्वती निवास करती हैं उसे पवित्र रखेंगे। उन्होंने कहा कि किसी से दुश्मनी हो तो छोड़ दीजिए।
आज के बाद पति पत्नी आपस में बच्चों के सामने कभी नहीं लड़ेंगे। आपने जीवन साथी को सार्वजनिक रूप से कभी नहीं छोड़ेंगे,किसी भी रूप में अपमानित नहीं करेंगे। उनका आव्हान था भक्तों ऐसा जीवन जीना जैसे अवतारों ने जिया था । वही सबसे बड़ी पूजा है। जब भी किसी की बात सुने ठीक से सुने अगर आप सास-बहू हैं तो हो सके हाथ में हाथ डालकर मोहल्ले में घूमिए। बड़े लोगों के पास नियमित थोड़े समय बैठे और कुछ पुरानी बातें कीजिए।
पंडित मेहता ने राधा जी के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा यह बहुत कम लोग जानते हैं कि राधा जी हैं कौन अपनी अमेरिका यात्रा का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा एक मंदिर में वहां कथा चल रही थी बच्चों में प्रतियोगिता रखी। कृष्ण राधा की मूर्ति देने की बात आई तो लोगों ने मान लिया। बोले बच्चे पूछते हैं रुकमणी तो श्रीकृष्ण की पत्नी थीं राधा जी कौन है। पद्म पुराण में उनकी विस्तृत चर्चा है। देवी पुराण में प्रसंग है कि आद्या शक्ति देवी ने
कृष्ण अवतार में पूछा कि अब मैं किस रूप में आउूं तब भगवान विष्णु ने कहा कि राधा और रुक्मणी दोनों रूप में ।राधा गोपी नहीं थी हम सब की मां थी राधा एक ही आद्या शक्ति के दो रूप हैं राधा और रुक्मणी।
उन्होंने बताया कि भगवान की लीलाओं को व्यावहारिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टि से देखना चाहिए। पूजना है तो प्रकृति को पूजो ,पृथ्वी में गंदगी मत होने दीजिए जितना प्रकृति का मान करेंगे उतना ही भगवान प्रसन्न होंगे। जल का अपव्यय मत कीजिए यह बहुत कीमती है श्री कृष्ण ने गोवर्धन पूजा
प्रकृति पूजा करके हमें सिखाने के लिए किया था आज हम सब को यह भी संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी प्रकृति को ईश्वर मानकर उसकी पूजा करेंगे
उन्होंने परिवार में रहने का सूत्र बताते हुए कहा कि- दिखावे के थपेड़ों से हमारे परिवार की नाव डूबने नहीं चाहिए। परिवार में रात गई बात गई। कब तक दिल में रखते बैठोगे छोटी छोटी बातें। करोगे भी क्या आज हर रिश्ता चुनौती बन गया है। ।भगवान संदीपनी के आश्रम में पढ़ने गए थे। श्री कृष्ण परिवार के देवता हैं भगवान से सीखिए भगवान अपने परिवार से कितना प्यार करते थे। इस अवसर पर उन्होंने भजन भी सुनाया दरो दीवार के कानों में दो बातें सुनाना है बताए तो बहाना, हमें परिवार बचाना है।
श्री मेहता ने सीख दी कि घर व्यावसायिक संबंधों से नहीं आत्मिक संबंधों से चलते हैं। भगवान ने एक सूत्र भी दिया कि ससुराल से कोई आए तो बहुत ही मान देना चाहिए उन्होंने गीत सुनाया है सबको इतना बता दीजिए यह तरीका सिखा दीजिए पल में सब कुछ बदल जाएगा मुस्कुराना सिखा दीजिए।
आज के कार्यक्रम स्वागत वंदन में प्रमुख रूप से आयोजक अनुपम तिवारी,सुरेंद्र कुमार मिश्रा कन्हैया लाल शुक्ला भूपेंद्र नाथ चतुर्वेदी श्रीमती किरण मिश्रा अनमोल गर्ग ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक शिवमोहन सिंह,डॉ सज्जन सिंह सत्यनारायण गुप्ता विनोद पांडे सहित अन्य भक्त उपस्थित रहे। आज के दिन भगवान श्री कृष्ण एवं रुकमणी के विवाह के प्रसंग के अवसर पर भी श्रद्धालुओं ने काफी आनंद उठाया। इस अवसर पर भगवान की लीला का भी सजीव प्रदर्शन चित्रण किया गया कार्यक्रम का समापन आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। कथा 9 फरवरी तक रोज दोपहर 3 बजे सायं 6 बजे तक चलेगी।
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