व्यक्ति विशेष मोदी सरकार का आम बजट, तीन तेसिया का खेल : संजय मिश्रा
अररिया
युवा समाज सेवी व पर्यावरण विद ने नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा बीते दिनों पारित आम बजट को जनता के साथ बड़ा छलावा बताया है। इन्होंने कहा कि आम बजट 5 राज्यों के चुनाव में की झलकियां पेश की गई हैं ,लेकिन इस का असर ठीक उलटा होगा।
इन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2014 में दो करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा किया था, वह सात साल बाद तक सिर्फ नौकरी से छंटनी करने का काम किया है। श्री मिश्रा ने कहा कि इस बार का आम बजट सिर्फ ख्याली पुलाव है ,साथ साथ पेट्रोलियम पदार्थों और महंगाई से परेशान जनता पर गहरा चोट है ।
इन्होंने कहा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की जबरदस्त अनदेखी की है। संजय मिश्रा ने आगे बताया कि यह बजट पुंजीवादी बजट है। भारत की अर्थव्यवस्था 2019-20 के स्तर पर आज भी सरकार के मुताबिक है,दो साल देश की तरक्की की चली गई है। करोड़ों नौकरियां चली गई। 60 लाख छोटे उद्योग खत्म हो गए। 84% घरों की आय टूट गई। प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 8 हजार से कम होकर 1लाख 7 हजार हो गई। प्रति व्यक्ति खर्च 62 हजार से कम होकर 59 हजार हो गया। 4 करोड़ 60 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए। पढ़ने वालों बच्चों का खास कर के गरीबों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। कुपोषण में 116 देशों की सूची में 101वें स्थान पर पहुंच गया। बेरोज़गारी शहरों में 8% एवं गांवों में 6%। महंगाई 12% पार कर गई। इसलिए इस बजट के बारे में हम कह सकते हैं की इसमें देश के गरीब, किसान, मध्यमवर्गीय लोगों, अनुसुचित जाती के प्रति एक भद्दा मजाक है। रोजगार के लिए कोई भी बात बजट में नहीं है। सब्सिडी में कटौती की गई है। पेट्रोल में पिछले साल के बनिस्बत 704 करोड़ की कटौती हुई। किसान की खाद सब्सीडी में 35 हजार करोड़ की कटौती हुई। गरीब को दुकान में मिलने वाले राशन में 80 हजार करोड़ की कटौती हुई। किसान की क्रोप स्किम में 500 करोड़ की कटौती हुई। यहां तक की मजदूर की मैगा स्कीम के अन्दर भी 25 हजार करोड़ की कटौती हुई। युवा नेता संजय मिश्रा ने कहा कि इस देश का गरीब मध्यम वर्ग केंद्र की मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।