![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2022/02/IMG-20220208-WA0063.jpg)
संसाधनों के कुशल प्रबंधन में जीआईएस की अहम भूमिका: रविन्द्र नाथ तिवारी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
जियो इनफॉर्मेटिक्स की वर्तमान युग में महत्वपूर्ण आवश्यकता: डॉ. नरेश कुमार।
कुवि के भूविज्ञान विभाग व गवर्नमेंट पीजी कॉलेज नारनौल के भूविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 8 फरवरी :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में भूविज्ञान विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा भूविज्ञान विभाग गवर्नमेंट पीजी कॉलेज नारनौल के संयुक्त तत्वावधान में एक राष्ट्रीय स्तर का वेबीनार आयोजित किया गया। इस वेबीनार में रविन्द्र नाथ तिवारी विभागाध्यक्ष एनआईजीएमटी नई दिल्ली ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि जीआईएस यानी ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम तकनीक आधुनिक युग में संसाधनों के कुशल प्रबंधन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हमें निकट भविष्य में और अधिक अच्छे ढंग से इस तकनीक को उपयोग में लाना होगा जिससे कि जियोलॉजी से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान सरलता से मिल सके। उन्होंने कहा कि इस तकनीक द्वारा दुर्गम स्थानों के बारे में जानकारी एकत्रित कर वहां उपलब्ध संसाधनों सही प्रकार से प्रबन्धन कर उनका प्रयोग किया जा सकता है।
इस वेबिनार की मुख्य संरक्षक डॉ. पी प्रभा ने वेबीनार की शुरुआत की तथा मुख्य वक्ता व अन्य वक्ताओं के बारे में संक्षिप्त परिचय करवाया। उन्होंने बताया कि इस वेबीनार का मुख्य उद्देश्य बच्चों को जियो इनफॉर्मेटिक्स के आधार व इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के बारे में बताना था।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि जियो इनफॉर्मेटिक्स वर्तमान युग की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जियो इनफॉर्मेटिक्स के द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। यह प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, जल का प्रबंधन, इंजीनियरिंग जियोलॉजी माइनिंग, जियोलॉजी व अन्य क्षेत्रों में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि जीआईएस व रिमोट सेंसिंग को एकीकृत कर प्रयोग में लाने से बहुत सारे प्रशासनिक कार्यों को आसान बनाया जा सकता है।
इस वेबिनार के संयोजक जयपाल ने कहा कि जियो इनफॉर्मेटिक्स की महत्ता को देखते हुए निकट भविष्य में इस क्षेत्र में काम करने के संबंध में विद्यार्थियों के लिए रोजगार की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस वेबिनार के सह-संयोजक डॉ. ओम प्रकाश ठाकुर ने वेबीनार के मुख्य वक्ता रविन्द्र नाथ तिवारी की उपलब्धियों व इस क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में विस्तार से अवगत किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के व्याख्यान करवाए जाने के लिए हम लगातार प्रयासरत रहेंगे।
इस वेबीनार में कुवि के जियोलॉजी विभाग व गवर्नमेंट पीजी कॉलेज नारनौल के शिक्षक सहित डॉ. सतीश कुमार, रेखा पूनिया, यशपाल, प्रियंका शांडिल्या, डॉ. सोनू जागलान, डॉ. सपना यादव, प्रयंत अश्वनी, स्वाति राणा तथा देशभर से अनुसंधानकर्ता व विद्यार्थी मौजूद रहे।