हरियाणा समादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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11 फरवरी से कर सकते हैं आवेदन।
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय को मिली 9 पीजी कोर्स शुरू करने की अनुमति।
कुरुक्षेत्र :- आयुर्वेद के सभी 14 विषयों में एमडी करने के इच्छुक प्रदेश के विद्यार्थियों को अब अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा। विद्यार्थी इसी सत्र से श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं अस्पताल में 11 फरवरी से आवेदन कर सकते हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आयुष मंत्रालय) ने आयुष विश्वविद्यालय को नौ विषयों में ईडब्ल्यूएस सहित 52 सीटों पर स्नातकोत्तर करने की अनुमति दी है। इससे पहले यहां पांच विषयों पंचकर्म, शरीर क्रिया, शरीर रचना, कौमारभृत्य तथा शल्य तंत्र में 30 सीटों पर एमडी कराई जा रही है।
आयुष विश्वविद्यालय उत्तर भारत एकमात्र विश्वविद्यालय बना गया है जहां आयुर्वेद के सभी विषयों में एमडी की पढ़ाई कराई जाएगी। श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल को यह सौगात स्थापना के 50 वर्ष बाद मिली है। अब विद्यार्थी आयुर्वेद के पंचकर्म, शरीर क्रिया, काया चिकित्सा, प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग सहित सभी 14 विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर पाएंगे।
इससे पहले कॉलेज प्रशासन को मंत्रालय ने नौ विषयों की 52 सीटों के लिए सैद्धांतिक सहमति पत्र दिया था। इसके बाद कॉलेज की ओर से मंत्रालय को दस्तावेज भेजे गए थे। आयुष मंत्रालय की टीम ने महाविद्यालय में पीजी कोर्सेज को शुरू करने के लिए उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण भी किया था। अब आयुर्वेद के अन्य नौ विषयों में एमडी की 52 सीटों पर लेटर ऑफ परमिशन (एलओपी) देकर विद्यार्थियों को इसी सत्र से आयुर्वदिक कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई को हरी झंडी मिल गई है।
विश्वविद्यालय परिवार के संयुक्त प्रयास का परिणाम – कुलपति डॉ. बलदेव कुमार।
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी और कहा कि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय बना है जहां आयुर्वेद के सभी 14 विषयों में एमडी की शिक्षा दी जाएगी। यह विश्वविद्यालय परिवार के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। विश्वविद्यालय का प्रयास है जल्द ही योग व नेचुरोपैथी के कोर्स और अस्पताल भी शुरू किए जाएं। ताकि विश्वविद्यालय का अधिक से अधिक लाभ लोगों को मिले।
विश्वविद्यालय नित नई ऊंचाइयां छू रहा- कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार।
कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि यह कुलपति के कुशल मार्गदर्शन का फल है। विश्वविद्यालय नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से विकसित व सम्पूर्णता का रूप लेता जा रहा है। इसके साथ उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे एमडी के विद्यार्थियों को आह्वान करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर वे समाज व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
आयुर्वेद के इन नौ विषयों की 52 सीटों पर मिली एलओपी
काया चिकित्सा – 07
प्रसूति तंत्र एंव स्त्री रोग- 06 शालाक्य तंत्र- 06
अगद तंत्र- 03
द्रव्यगुण विज्ञान- 06
स्वस्थवृत- 06
रोग निदान एवं विकृति विज्ञान- 06
रस शास्त्र- 06
आयुर्वेद समिता एवं सिद्धांत- 06 इत्यादि।