बिहार:बीडीओ द्वारा ग़लत तरीके से किए गए स्थानांतरण आदेश रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता इन्तेखाब आलम ने अररिया जिला अन्तर्गत पलासी बीईओ और बीडीओ द्वारा ग़लत तरीके से किए गए स्थानांतरण आदेश रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र।

अररिया – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और पोलिंग बूथ कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्तेखाब आलम ने ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से त्राहिमाम ज्ञापन सौंपकर पलासी बीडीओ और बीईओ द्वारा नियम के विरुद्ध किए गए स्थानांतरण आदेश अवगत कराते हुए निर्गत आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए ठोस से ठोस कार्रवाई की मांग की है।श्री आलम ने अपने ज्ञापन में मुख्यमंत्री महोदय का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कहा है कि विभिन्न अखबारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा सूचना प्राप्त हो रही है कि पलासी बीडीओ द्वारा ग़लत तरीके से शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। इस संबंध में टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ अररिया के प्रतिनिधियों से वार्ता हुई है वार्ता से और नियमावली के अध्धयन से यह स्पष्ट है कि शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 एवं बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 के आलोक में प्रखंड विकास पदाधिकारी पलासी द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश विभागीय नियम के विपरित है क्योंकि–

प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को अपनी सेवाकाल में 3 वर्ष के उपरांत नियोजन इकाई के क्षेत्राधीन विद्यालयों में अधिकतम दो ऐच्छिक स्थानान्तरण लेने की सुविधा है जिसके लिए भवदीय द्वारा आवेदन लिया जाना है। परन्तु बीडीओ साहब द्वारा ना ही आवेदन की मांग की गई और ना ही शिक्षक के द्वारा स्थानांतरण के लिए आवेदन दिया गया है।

बच्चों के निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009(समय समय पर यथासंसोधित) में निहित प्रावधानों के आलोक में प्रशासी विभाग द्वारा किसी अन्य विद्यालय में शिक्षकों के सामांजन का आदेश नियोजन इकाई को दिया जा सकता है जिसका अनुपालन नियोजन इकाई के सदस्य सचिव के द्वारा अध्यक्ष की सहमति से की जाएगी। परन्तु हमारा प्रशासी विभाग जो कि शिक्षा विभाग है जिसने शिक्षकों के स्थानांतरण के संबंध में प्रखण्ड नियोजन इकाई पलासी को कोई आदेश नहीं दिया है।

वित्तीय अनियमितता , नैतिक अधमता अथवा गंभीर आरोप प्रमाणित होने की स्थिति में विद्यालय एवं छात्र हित में शिक्षक का प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक बार स्थानांतरण नियोजन इकाई के सचिव के द्वारा अध्यक्ष की सहमति से की जा सकती है परन्तु जिन शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा रहा है उनके ऊपर वित्तीय अनियमितता, नैतिक अदधनता या किसी भी तरह का गंभीर आरोप प्रमाणित नहीं है।

श्री आलम ने मांग की है कि विभागीय शिक्षक नियमावली 2012-2020 के विपरित जाकर स्थानांतरण करने की मंशा से निर्गत किए गए आदेशों को रद्द किया जाए! स्थानांतरण आदेश रद्द करने को लेकर ईमेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को त्राहिमाम ज्ञापन भेजा है।

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